Updated: 22 Apr, 2025 12:03 PM
अमित गोलानी और बाबिल खान ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सोशल मीडिया और इसके प्रभावों को लेकर कई तरह के शो और फिल्में बन रही हैं। इसी विषय को लेकर अमित गोलानी एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म 'लॉगआउट' लेकर आए हैं। जिसमें इरफान खान के बेटे बाबिल खान मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म जी5 पर 18 अप्रैल को रिलीज हो चुकी है। फिल्म में रसिका दुग्गल, निमिषा नायर और गंधर्व दीवान भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। फिल्म के बारे में अमित गोलानी और बाबिल खान ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी, और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:
लॉकडाउन हटा तो महसूस हुआ की फोन की आदत लग गई
अमित गोलानी
सवाल: इस फिल्म को बनाने की प्रेरणा कहां से मिली?
ये मैंने खुद भी महसूस किया है। लॉगडाउन के समय तो हमारी निर्भरता फोन पर काफी बढ़ गई थी। फिर धीरे-धीरे हर किसी को यह महसूस हुआ कि काम के समय भी कहीं न कहीं हमें फोन की बहुत आदत लग चुकी है और कोई अकेला नहीं है हमारे साथ और भी लोगों को ऐसा लगता है। तो लॉगआउट' का उद्देश्य डिजिटल दुनिया के प्रभावों को उजागर करना था। सोशल मीडिया की बढ़ती भूमिका और डिजिटल पहचान के प्रभावों को दर्शाते हुए हमने एक ऐसे पात्र की कहानी प्रस्तुत की है।
सवाल: आप हमेशा प्रसांगिक विषयों को चुनते है इसके पीछे कोई खास वजह?
मुझे लगता है कि कोई विषय प्रसांगिक है हम इसलिए उसे बना रहे हैं नहीं बल्कि, ऐसे विषयों पर हमारे पास कहने के लिए बहुत कुछ होता है। एक विचार यह भी होता है कि जो हमें पसंद आ रहा है तो शायद वो दर्शकों को भी पसंद आएगा। हम हमेशा ये देखते है कि क्या मुझे इस विषय में रुचि है या मेरे पास कुछ है इसके बारे में कहने को तो वो ज्यादा मैटर करता है बजाय कि विषय की प्रसांगिकता के।
सवाल: इस फिल्म का दर्शकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और क्या ये डिजिटल दुनिया के प्रति जागरूक करेगी?
सबसे पहले तो मैं यही चाहूंगा कि लोगों को मजा आए देखने में लोगों की एंटरटेनमेंट वैल्यू वसूल हो। इस फिल्म को देखने का जितना टाइम उनका बीता और वो अच्छा बीता तो मेरे लिए तो वही टेक अवे है। हमारा उद्देश्य था कि दर्शक इस फिल्म के माध्यम से डिजिटल दुनिया के प्रभावों को समझें और वास्तविक जीवन में संतुलन बनाए रखें।
मैं किरदार को नहीं किरदार मुझे चुनता है : बाबिल खान
बाबिल खान
सवाल: आपकी फिल्म लॉगआउट करने के पीछे क्या वजह रही?
मुझे ऐसा लगता है कि मैं किरदार को नहीं किरदार मुझे चुनता है और लॉगआउट के लिए भी इस किरदार को मैंने नहीं अमित सर ने मेरे लिए चुना है और मुझे सर पर पूरा भरोसा है।
सवाल: क्या आप मानते हैं कि आजकल अभिनेता की पहचान सोशल मीडिया पर निर्भर करती है?
हां, हमारे प्रोफेशन में तो सोशल मीडिया बहुत जरुरी है। हमारा ब्रांड उतना ही जरुरी है जितना की हमारा काम। आजकल अभिनेता की पहचान और प्रासंगिकता सोशल मीडिया पर निर्भर करती है। सोशल मीडिया के साथ साथ बाहर से जो आपको रिस्पॉन्स मिल रहा है खुद को अपनाए जाने को लेकर जो मेरे अंदर सवाल उठते हैं उनके भी जवाब मिलते हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया जितना आपको वैलिडेशन देती है उतना ही आप ट्रोलिंग के भी शिकार होते हो।
सवाल: क्या आप भी अपने पिता इरफान खान की राह पर चलना चाहेंगे?
उन्होंने जब काम शुरु किया था उन्हें भी फेम पाने की इच्छा थी और जब आप काम करना शुरु करते हो तो आपको अपने अंदर की सच्चाई दिखती है और आपको वो रास्ता भी दिखने लगता है। मुझे नहीं लगता की उनका रास्ता और और मेरा रास्ता एक जैसा है क्योंकी उन्होंने जो किया वो एक अलग टाइम पर किया और मुझे एक बहुत अलग समय मिला है। मेरी अब एक अलग राह है उनकी एक अलग रास्ता था जो उन्होंने निभा लिया और अगर में उनके बनाए रास्ते को फॉलो करने लगा तो मेरा कौन निभाएगा फिर।
सवाल: आप अपने किरदार निभाते समय क्या कोई अपने पिता के प्रोसेस को अपनाते हैं?
बाबा ने तो हमेशा यही बताया कि कुछ भी ऐसे किसी फॉर्मुला से नहीं करना चाहिए। हर किरदार को निभाते हुए उसके अनुसार लचीलापन होना चाहिए। हर कहानी हर किरदार आपको कुछ नया सिखाएगी। वो किरदार आपको खुद बताएगा कि मुझे कैसे निभाना है। मैं अपने फॉर्मुला लेकर चला जाउंगा तो वो किरदार ही मर जाएगा।