INTERVIEW: एक परिवार की तीन पीढ़ियों के जज्बातों को दिखाती है Gulmohar

Edited By Varsha Yadav,Updated: 03 Mar, 2023 05:07 PM

manoj bajpayee sharmila tagore suraj sharma simran interview for gulmohar film

निर्देशक राहुल वी चित्तेला की फिल्म 'गुलमोहर' पारिवारिक रिश्तों की कहानी पर आधारित है। जिसमें शर्मिला टैगोर के साथ-साथ मनोज बाजपेयी, सूरज शर्मा, सिमरन, कावेरी सेठ और अमोल पालेकर आदि अहम किरदार निभाते नजर आएंगे।इस खास मौके पर फिल्म की स्टारकास्ट ने...

नई दिल्ली,टीम डिजिटल। परिवार... महज एक शब्द नहीं होता है यह एक इमोशन और कनेक्शन होता है जिससे हम सभी ताउम्र जुड़े रहते हैं। परिवार के छोटे और बड़े रिश्तों को निभाते हुए हम इस कदर उनसे जुड़ जाते हैं कि चाहकर भी अलग नहीं हो पाते हैं। कुछ यही जज्बात और संदेश लेकर आ रही है फिल्म 'गुलमोहर'। निर्देशक राहुल वी चित्तेला की यह फिल्म पारिवारिक रिश्तों की कहानी पर आधारित है। जिसमें शर्मिला टैगोर के साथ-साथ मनोज बाजपेयी, सूरज शर्मा, सिमरन, कावेरी सेठ और अमोल पालेकर आदि अहम किरदार निभाते नजर आएंगे। बता दें कि इस फैमिली ड्रामा फिल्म में शर्मिला टैगोर करीब 13 साल बाद पर्दे पर वापसी करने जा रहीं हैं। इस फिल्म में शर्मिला को बड़े पर्दे पर देखने के लिए फैंस बेताब हैं। आज के समय में पारिवारिक उलझनों की कहानी को यह फिल्म बेहतरीन तरीके से पर्दे पर प्रस्तुत करती है। 'गुलमोहर' 3 मार्च 2023 को ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज होगी। इस खास मौके पर फिल्म की स्टारकास्ट ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स से बेहद खास बातचीत की है जो यहां प्रस्तुत है-   

( शर्मिला टैगोर )

सवाल- गुलमोहर के जरिए आप ओटीटी पर डेब्यू करने जा रही हैं इस पर आप कैसा फील कर रही हैं ?
जवाब- मैं फिल्म के हर मोमेंट को एंजॉय कर रही हूं। जब हमने फिल्म की शूटिंग शुरू की थी तो उस वक्त सभी चीजें पहले से काफी अलग और ओर्गेनाइज्ड थी। हर पांच मिनट के बाद ब्रेक होता था वैनिटी वैन से लेकर सभी कुछ काफी अच्छे से ऑर्गेनाइज्ड था। शूटिंग सही टाइम पर शुरू करना और पैक अप करना सब कुछ मेरे लिए काफी डिफरेंट था। लेकिन पहले तो हम लोग 9 बजे ही पूरी तरह से तैयार होते जाते थे लेकिन हीरो लोग कभी 11 बजे आ रहे हैं कभी 11.30 बजे आ रहे हैं। लेकिन शशि कपूर और अमिताभ जी हमेशा टाइम से आ जाते थे। इस फिल्म में भी मुझे सभी के साथ काम करके काफी मजा आया।   

सवाल- पहले समय के डायरेक्टर्स और आज के निर्देशकों के बीच आपको कोई अंतर नजर आए ?
जवाब-
नहीं मेरे हिसाब से ऐसा कुछ नहीं है। अच्छे निर्देशक हमेशा अच्छे रहते हैं। लेकिन कुछ निर्देशक काफी अच्छे थे और उनकी तरह कोई नहीं हो सकता क्योंकि उनकी मेकिंग स्टाइल काफी डिफरेंट था। बाकी आज के डायरेक्टर्स पूरी दुनिया के सिनेमा को एक्सप्लोर कर रहे हैं, देश-विदेश घूमे रहे हैं। इसी के साथ हमारे जमाने में लोग इतने पढ़े लिखे भी नहीं होते थे। वहीं आज के टाइम में डायरेक्टर्स मीडियम, भाषा, टैक्नीकल के साथ-साथ काफी चीजों को लेकर अवेयर और एक्सप्लोर कर रहे हैं। लेकन सबसे जरूरी चीज स्क्रिप्ट और कहानी होती है तो इसे लेकर आपको काफी केयरफुल रहने की जरूरत है।

सवाल- आजकल की यंग मदर्स को आप क्या संदेश देना चाहती हैं जो काम के साथ-साथ अपने परिवार को भी संभालना चाहती हैं ?
जवाब-
बहुत दफे मैंने भी कोशिश की यह मेरी लास्ट फिल्म है मगर नहीं हो सका क्योंकि मुझे मेरा प्रोफेशन बहुत पसंद है। लेकिन मैं अपनी फैमिली से भी बहुत प्यार करती हूं। ऐसा नहीं था कि मुझे सिर्फ करियर चाहिए था फैमिली नहीं चाहिए थी। मुझे दोनों चाहिए थी। वहीं हमारे समय में सेलफोन भी नहीं हुआ करते थे। तो हम किसी से बात भी नहीं सकते थे। जैसे आज फोन पर कह देते है कि खाना बना के रखना, ये चीजें तैयार करके रखना। आज कल तो सीसीटीवी कैमरा है तो आप देख सकते हैं कि आपके बच्चे क्या कर रहे हैं। उस समय ये सब नहीं थे लेकिन हमने अपना काम किया क्योंकि हम वो काम करना चाहते थे। हम क्यों इस पर गिल्टी फील करें, सोसाइटी को गिल्टी फील करना चाहिए। कि वो ऐसी बातें करते है कि कोई मां जब अपने बच्चों को छोड़कर काम करने जा रही हो, तो वह एक अच्छी मां नहीं है। इसके लिए आपको अपने परिवार का पूरा सपोर्ट चाहिए होता है। जैसे सैफ करीना को सपोर्ट करता है। दोनों में से अगर कोई काम में  व्यस्त है तो दूसरा फैमिली को देखता है। आज कल के पैरेंट्स में यह सबसे अच्छी बात है कि वे एकदूसरे को सपोर्ट करते हैं। इसीलिए मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगी कि आप जो भी करना चाहती है करिए अपने दिल की सुनिए।  

( मनोज बाजपेयी )

सवाल- जब आपको पता चला कि शर्मिला जी आपकी मां का रोल करने वाली हैं तो आपके लिए कितना  मुश्किल था उन्हें मैम से मॉम कहना ? 
जवाब-
इस पर मनोज हंसते हुए कहते है कि शर्मिला जी बहुत सालों से काम कर रहीं हैं और बहुत ज्यादा प्रोफेशनल है। सूरज अभी यहां है नहीं लेकिन उन्होंने एक बड़ी अच्छी बात कही थी कि जब एक्टर्स प्रोफेशनल होते हैं तो दूसरों को भी उससे कंफर्टेबल कर लेते हैं। तो मुझे लगता है कि मैम ने हम सभी को अपने साथ काफी कंफर्टेबल कर लिया था मॉम कहने के लिए। और एक तरीके से सेट पर जो माहौल था वही आपको स्क्रीन पर भी दिखता है। अरुण बत्रा जिस तरीके से अपनी मां के साथ में है उसी तरीके से मैं भी शर्मिला जी के साथ था। इसीलिए हमें सिर्फ  कैमरे को ऑन करना होता था क्योंकि हम लोग ऑफ कैमरा भी अपने-अपने कैरेक्टर्स में रहते थे। हमने सेट पर अपनी एक फैमिली क्रिएट कर ली थी जिसका पूर क्रेडिट राहुल जी को जाता है। 

सवाल- आपको ओटीटी से पहले का या बाद का कौन सा टाइम पीरियड ज्यादा पसंद है और आज ओटीटी के टाइम में एक्टर्स पर काम का कितना प्रैशर है?
जवाब-
मेरे जैसा एक्टर खुद ही काम का प्रैशर ले लेता है कोई दे या न दे। इसके बाद मनोज मुस्कुराते हुए कहते है कि प्रैशर तो शुरू से ही लेते रहे हैं। लेकिन आपने बिल्कुल सही कहा कि ओटीटी का टाइम काफी ज्यादा चैलेंजिंग है। हम में से बहुत कम लोग इस बात को समझ रहे हैं कि जब इतना सारा कंटेट मौजूद है ,तो उसके बीच आपको अपनी पहचान बनाना काफी मुश्किल है। कौन सी कहानी कहें, कैसे कहें, किसके साथ कहें और आपने अगर कंटेंट तैयार कर लिया तो कैसे उसे दर्शकों के सामने लेकर जाएं, और सबको कैसे बताएं कि यह बिल्कुल अलग तरीके की कहानी है। बाकी जो भी आपने देखा है या नहीं देखा, लेकिन यह जरूर देखिए। यह काम अपने आप बहुत बड़ा चैलेंज है। लेकिन ऑडियंस काफी समझदार है उन्हें सब कुछ पता चल जाता है कि कौन सा कंटेंट कैसा है और वो जाकर उसे देखते हैं। 

( राहुल वी चित्तेला )

सवाल- 'गुलमोहर' की कास्टिंग आपने कैसे की?
जवाब-
जब हम फिल्म की स्क्रिप्ट लिख रहे थे तभी हमन एक्टर्स को डिसाइड कर लिया था। और हमें बहुत अच्छा लगता है जब एक्टर्स को ध्यान में रखकर स्क्रिप्ट लिखते है  और एक्टर्स उस कैरेक्टर के लिए हां कह दें। शर्मिला जी लेकर मैं पहले कंफर्म नहीं था लेकिन उनको लेकर मेरे दिमाग में पहले से तय था कि मैं उनके पास जाऊंगा और मैंने ऐसा ही किया। 

( सिमरन )

सवाल- आपने इस फिल्म में इतने दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है इसे लेकर आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा ?
जवाब-
 मैं इसकी रिसहर्सल साउथ में इतने सालों से कर रही हूं, क्योंकि साउथ में हर चीज होती ही इतना रियलिस्टिक है कि आपको प्रैक्टिस करने की जरूरत नहीं है। वहीं जब मुझे मेरा रोल सुनाया गया और पता चला कि मुझे शर्मिला जी और मनोज जी के साथ काम करने का मौका मिलेगा तो मेरे लिए यह बहुत बड़ी बात थी , साथ ही फिल्म की कहानी भी काफी अच्छी थी। कुल मिलाकर गुलमोहर में मेरा एक्सपीरियंस काफी अच्छा रहा। मुझे सभी से बहुत कुछ सीखने को मिला। 

सवाल- इस फिल्म से जुड़ी कौन-सी चीज आप आगे जाकर सबसे ज्यादा मिस करेंगी ?
जवाब-
इस पर मनोज हंसते हुए कहते है कि हम सब इन्हें सबसे ज्यादा मिस करेंगे। सिमरन कहती हैं कि फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद हमें लगा ही नहीं कि हम एकदूसरे से अलग हो गए हैं। मैं इस फैमिली से प्यार लेकर जा रही हूं  या यूं कहूं कि जा नहीं रही हूं, यही इनके पास ही रहूंगी।

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