Updated: 25 Jul, 2025 12:42 PM
फिल्म सरजमीन के बारे में डायरेक्टर कायोज ईरानी और एक्टर पृथ्वीराज सुकुमारन ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कायोज ईरानी द्वारा डायरेक्टेड फिल्म सरजमीन 25 जुलाई को ओटीटी प्लेफॉर्म जियो हॉटस्टार पर रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म के द्वारा कायोज डायरेक्शन में अपना डेब्यू भी करने जा रहे हैं। इस फिल्म में इब्राहिम अली खान, काजोल और पृथ्वीराज सुकुमारन मुख्य किरदार में नजर आएंगे। फिल्म की कहानी देशभक्ति से जुड़ी है और इसे धर्मा प्रोडक्शंस ने प्रोड्यूस किया है। इस फिल्म के बारे में डायरेक्टर कायोज ईरानी और एक्टर पृथ्वीराज सुकुमारन ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...
कायोज ईरानी
सवाल 1- ‘सरजमीन’ जैसी देशभक्ति वाली फिल्म पहले भी बनी है तो यह फिल्म कैसे अलग है?
जवाब- सही कहा आपने कि फिल्म में देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम मौजूद है लेकिन ये फिल्म केवल एक पैट्रियोटिक फिल्म नहीं है। ये असल में एक इमोशनल थ्रिलर है, जिसमें एक पिता, एक बेटा और एक मां के बीच के संबंधों को दिखाया गया है। इसकी कहानी मानवीय भावनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है। कश्मीर इस फिल्म का बैकड्रॉप है, लेकिन असली संघर्ष परिवार के भीतर का है। यही बात मुझे इस फिल्म की ओर खींच लाई। मैं इस फिल्म की तरफ आकर्षित हुआ क्योंकि इसमें फैमिली ड्रामा था। मैंने एक ऑडियंस की तरह रहकर सोचा।
सवाल 2- क्या आप इस फिल्म को पॉलिटिकल थ्रिलर कहेंगे?
जवाब- नहीं, यह एक इमोशनल थ्रिलर है। मैं चाहता हूं कि जब दर्शक फिल्म से बाहर निकलें, तो उनकी आंखों में आंसू हों। फिल्म का ट्रेलर देखकर ही पता लग गया होगा कि फिल्म में काफी इमोशन्स है।
सवाल 3- यह आपकी डेब्यू फिल्म है। एक AD से डायरेक्टर बनने तक का सफर कैसा रहा?
जवाब- मैंने 18-19 साल की उम्र में बतौर AD काम शुरू किया था और ये एक लंबा सफर रहा है। मैंने खुद को इस इंडस्ट्री में साबित करने के लिए बहुत मेहनत की है। ये मेरे लिए अब तक का सबसे एक्साइटिंग दौर है। “सरज़मीन” पर मेरा सबसे खराब दिन भी किसी और फिल्म के सबसे अच्छे दिन से बेहतर था। यह हमारी तकरीबन 3 साल की मेहनत है जो अब तैयार है। करण जौहर ने एक बार कहा था, “अब ये फिल्म तुम्हारी नहीं, ऑडियंस की है।” ये बात हमेशा याद रहेगी।
सवाल 4- आपने करण जौहर के साथ भी काम किया है। बतौर प्रोड्यूसर उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
जवाब- करण सर एक डायरेक्टर्स प्रोड्यूसर हैं। वो अपनी राय ज़रूर देते हैं, लेकिन कभी उस पर जोर नहीं डालते। उन्होंने मुझसे कहा था, “अगर तुम गड़बड़ भी करोगे, तो मैं साथ खड़ा रहूंगा और अगर सफल हुए तो तुम्हारे साथ सेलिब्रेट करूंगा।” यही सबसे बड़ी बात थी। मैं बहुत खुश हूं धर्मा प्रोडक्शन के साथ काम करके और मैं बहुत प्रोटेक्टेड फील करता हूं उनके साथ।
सवाल 5- फिल्म की कास्टिंग कैसे हुई थी?
जवाब- करण सर ने मुझे बताया कि हमें सबसे पहले पृथ्वीराज सर के पास जाना चाहिए। जैसा पृथ्वी सर ने बताया कि उन्होंने पहले जब स्क्रिप्ट पढ़ी तो शाम तक उन्होंने हां कर दी थी। मुझे इतनी जल्दी विश्वास नहीं हुआ लेकिन वो सच था। फिर हम काजोल मैम के पास गए और मैंने उन्हें स्टोरी नैरेट की और सर को फोन भी किया था कि शायद काजोल मैम मना कर दें लेकिन जब शाम को उनका फोन आया कि मुझे स्क्रिप्ट पसंद आई और मैं फिल्म करूंगी। इब्राहिम की कास्टिंग के लिए एक दिन मैं रॉकी और रानी के सेट पर गया तो इब्राहिम स्टैंडिंग कर रहे थे रणवीर सिंह के लिए तो मैंने इब्राहिम को देखा और मुझे वो कैमरे पर इतने अच्छे लग रहे थे तो वो मेन कास्टिंग हुई।
सवाल 6: क्या फिल्म की शूटिंग वाकई कश्मीर में हुई है?
जवाब- नहीं, मुख्य शूटिंग हमने मनाली में की थी। कश्मीर में केवल कुछ बैकग्राउंड शॉट्स (वाइड शॉट्स) लिए गए। लेकिन शूट से पहले मैं खुद कुपवाड़ा और केरन गया था, जो LOC के पास है। मैंने आर्मी के साथ समय बिताया ताकि मैं उनके अंदर के संघर्ष और परिवार की स्थिति को महसूस कर सकूं। ये फिल्म हमारी आर्मी और उनके परिवारों को समर्पित है।
सवाल 7: फिल्म में संगीत भी काफी खास है। इतने बड़े सिंगर्स को कैसे जोड़ा?
जवाब- हमने जिनसे भी संपर्क किया, उन्होंने तुरंत हां कर दी। बी प्राक सर ने कहा, “शाम को ही डब कर लेते हैं।” श्रेया घोषाल, सोनू निगम, विशाल मिश्रा, जावेद अली – सभी का साथ मिलना सौभाग्य की बात है। हमने यह म्यूज़िक यशराज स्टूडियो में बनाया और मैं इसे लेकर बेहद भावुक हूं। ये मेरा नहीं, विशाल खुराना और पूरी टीम का कमाल है।
पृथ्वीराज सुकुमारन
सवाल 8: आप इस प्रोजेक्ट से कब जुड़े और क्या कारण था कि आपने इसे तुरंत स्वीकार कर लिया?
जवाब- करीब 2022 में जब मैं विदेश में एक फिल्म की शूटिंग कर रहा था, तब करण जौहर ने मुझे इस फिल्म की स्क्रिप्ट भेजी। मैंने स्क्रिप्ट पढ़ते ही उसी दिन उन्हें कहा, “मैं ये फिल्म करना चाहता हूं।” तब मुझे ये भी नहीं पता था कि कौन-कौन इस फिल्म में है या डायरेक्टर कौन हैं। जब मुझे बताया गया कि कायोज़ डायरेक्ट कर रहे हैं तो मैंने उनकी एक शॉर्ट फिल्म देखी जो मुझे बेहद पसंद आई। मुझे लगा कि ये एक बेहद सेंसिटिव और इंसानी भावना से जुड़ी कहानी है इसलिए मैं इस फिल्म से जुड़ गया।
सवाल 9- आप एक डायरेक्टर भी हो तो सेट पर कैसे आप अपने आप को पूरे एक्टर वाले जोन में सेट करते थे।
जवाब- जब से मैं निर्देशक बना हूं, मेरे लिए यह करना सबसे आसान काम रहा है। मैंने यह बात अपनी पहली फिल्म से पहले भी कई बार कही है। यहां तक कि सेट पर भी मैं सिर्फ एक अभिनेता के रूप में ही होता हूं। मैं हमेशा तकनीशियनों को चालू रखता था। मुझे सभी चरणों की जानकारी रहती थी। पर एक एक्टर के तौर पर मुझे कुछ वैसा नहीं सोचना बस एक एक्टर की तरह रहना और तकनीशियनों के बारे में न सोचना और बस डायरेक्टर आए, मुझे सीन समझा कर चले जाए तो मैं यह फेस ज्यादा एंजॉय करता हूं।
सवाल 10- एक अच्छा एक्टर बनने के लिए क्या आपको इसने मदद की है?
जवाब- एक अभिनेता के रूप में और एक अभिनेता होने की प्रक्रिया ने मुझे एक निर्देशक के रूप में काफी मदद की है। मैं अपने एक्टर्स से बेस्ट पाने की कोशिश करता हूं। जिसके लिए मैं खुद भी अपना बेस्ट देने की पूरी कोशिश करता हूं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं प्रक्रिया को प्रीव्यू करता हूं। फिल्म निर्माण की तकनीकी के बारे में जो भी ज्ञान मेरे पास है, वह एक अभिनेता होने में भी मदद करता है। क्योंकि आपको शूटिंग की पूरी प्रक्रिया के बारे में पता होगा, इसलिए आप उसके अनुसार करते हैं।
सवाल 11:आप कई भाषाओं में काम करते हैं, हिंदी में कैसे सहजता लाते हैं?
जवाब- मैंने सैनिक स्कूल में पढ़ाई की है, जहां हिंदी सिखाई जाती थी। मैं हिंदी पढ़ और लिख सकता हूं। मैं मलयालम, इंग्लिश और तमिल में फ्लूएंट हू और तेलुगू भी थोड़ा बोल लेता हूं। हालांकि हिंदी उच्चारण में सुधार के लिए मैं डिक्शन कोच विकास के साथ काम करता हूं। उन्होंने मेरे लिए ‘औरंगज़ेब’ से लेकर ‘सरज़मीन’ तक हर फिल्म में मदद की है।
सवाल 12: फिल्म को लेकर दर्शकों को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
जवाब- ये फिल्म एक जटिल और मानवीय ड्रामा है जो कश्मीर की पृष्ठभूमि पर आधारित है। इसमें इमोशन, स्केल, एक्शन सब कुछ है, लेकिन सबसे खास इसका दिल से जुड़ा हुआ पक्ष है। हमें उम्मीद है कि दर्शकों को ये उतना ही पसंद आएगी, जितनी मेहनत और प्यार से हमने इसे बनाया है।