मुफ्त शिक्षा प्रदान करने वाले गुरुकुलों को मिलेगी मुफ्त जमीन (VIDEO)

Edited By Sonia Goswami,Updated: 07 Aug, 2018 04:36 PM

हरियाणा में प्राचीन गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने वाले गुरुकुलों को मुफ्त भूमि मुहैया करवाएगी।

चंडीगढ़ः हरियाणा में प्राचीन गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने वाले गुरुकुलों को मुफ्त भूमि मुहैया करवाएगी।  सरकार ऐसे गुरुकुल को चलाने के लिए शिक्षकों सहित सभी अन्य आवश्यक प्रबंध करवाने में भी सहायता करेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पंचनाद शोध संस्थान, चंडीगढ़ की ओर से ‘वर्तमान युग में गुरुकुल प्रणाली की प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।  

 

बच्चों को त्याग और समर्पण पर आधारित शिक्षा प्रदान करने में गुरुकुल के महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल पढ़ने, लिखने तक सीमित करने के बजाय नैतिक मूल्यों, योग एवं देशभक्ति को शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाया जाना चाहिए ताकि बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।  

 

उनके अनुसार प्राचीन प्रणाली के अनुसार, हमारे समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा की नि:शुल्क सुविधा प्रदान करना नैतिक जिम्मेदारी थी लेकिन दुर्भाग्यवश आजकल एक तरफ आम आदमी के पास इन सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी है, वहीं दूसरी ओर साधन-सम्पन्न या अमीर लोग ऐसी सुविधाओं के लिए अत्यधिक धन खर्च कर रहे हैं।  उनके अनुसार राज्य सरकार ने शिक्षा प्रणाली में गुणात्मक परिवर्तन लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। 

 

राज्य के बजट का एक बड़ा हिस्सा बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने पर खर्च किया जाता है। राज्य सरकार ने प्रोफेसर बी.के.कुथियाला की अध्यक्षता में 21 सदस्यीय राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद भी गठित किया है।  उन्होंने विद्यालयों में पहली से 8वीं कक्षा के लिए नो डिटेंशन पॉलिसी को समाप्त करने की वकालत करते हुए कहा कि इस प्रणाली ने विद्यार्थियों के पढऩे की आदत पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है क्योंकि उन्हें परीक्षाओं में विफल होने का कोई डर नहीं रहता है।  उन्होंने कहा कि हरियाणा ने विभिन्न क्षेत्रों में दुनियाभर में अपनी पहचान बनाई है। इससे पहले, गीता जयंती समारोह कुरुक्षेत्र में बहुत छोटे पैमाने पर आयोजित किया जाता था। वर्तमान राज्य सरकार गीता जयंती समरोह का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर रही है। पिछले तीन वर्षों के दौरान 25 देशों के लोगों ने इस समारोह में भाग लिया। 

 

उन्होंने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में मानव मूल्यों से संबंधित मुद्दों को शामिल करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।  पंचनाद शोध संस्थान के निदेशक प्रोफेसर बी.के. कुथियाला ने कहा कि समाज में सछ्वाव की भावना को बनाए रखने के उद्देश्य से वर्ष 1984-85 में पंचनाद शोध संस्थान की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 32 शोध संस्थान हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में संचालित हैं, जहां संस्थान के बौद्धिक विंग सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं।  पंचनाद शोध संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. कृष्ण आर्य ने समाज में गुरुकुल शिक्षा की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरुकुल शिक्षा गुरु-शिष्य परंपरा पर आधारित है।  
 

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