हरियाणा की जेलों में शुरू किया प्रोजैक्ट शक्ति

Edited By Archna Sethi,Updated: 21 Oct, 2021 09:06 PM

project shakti

महिला कैदियों के लिए हर जेल में लगाई गई नैपकिन वैंडिंग मशीन और इनसीनरेटर जेल में बंद महिलाओं को मासिक स्वच्छता के प्रति किया जाएगा जागरूक

चंडीगढ़, (अर्चना सेठी): हरियाणा की जेलों में प्रोजैक्ट शक्ति शुरू कर दिया गया है। प्रदेश की 19 में से 16 जेलों में नैपकिन वैंङ्क्षडग मशीन और इनसीनरेटर लगा दिए गए हैं। वैंङ्क्षडग मशीन से महिलाएं मासिक स्वच्छता के लिए नैपकिन ले सकेंगी जबकि इनसीनरेटर में इस्तेमाल नैपकिन को आसानी से ठिकाने लगाया जा सकेगा। स्वयं सेवी संगठन इंडिया विजन फाऊंडेशन, प्रदेश जेल विभाग और स्पार्क ङ्क्षमडा फाऊंडेशन मिलकर शक्ति प्रोजैक्ट चला रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं गुरुग्राम की भोंडसी जेल की महिला बंदियों को फिर से पैडमैन बनाने की योजना पर भी काम शुरू कर दिया जाएगा। ध्यान रहे कोरोना काल से पहले इसी जेल की महिला कैदियों को सैनिटरी नैपकिन बनाना सिखाया गया था ताकि वह कारावास से मुक्त होने के बाद अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए सैनिटरी पैड बनाकर बेच सकें। तत्कालीन समय की अधिकतर महिला कैदी या सजा पूरी करने के बाद जेल से रिहा हो चुकी हैं या बहुत सी महिलाएं बेल पर छूट गई हैं। अब नए सिरे से जेल की महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

 


अब जेलों में जाकर मिलेंगे महिला कैदियों से
इंडिया विजन फाऊंडेशन की डायरैक्टर मोनिका धवन का कहना है कि 4 महीने पहले महिला कैदियों को मासिक स्वच्छता (मैन्स्ट्रुअल हाईजीन)का महत्व बताने के लिए डाक्टर्स के सहयोग के साथ रोहतक, अम्बाला, करनाल और झज्जर की जेलों में ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया था। अब जब कोरोना लगभग खत्म हो गया है जेलों में गाइनीकोलॉजी डाक्टर्स के साथ जाकर महिला कैदियों से मिलकर उन्हें मासिक स्वच्छता के बाबत जागरूक किया जाएगा। गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत और सोनीपत की जेलों में जाकर जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे।

 


सैनिटरी नैपकिन बनाने का प्रोजैक्ट फिर करेंगे शुरू
मोनिका धवन ने बताया कि कार्यशाला के बाद महिला कैदियों को जेल में फिर से सैनिटरी नैपकिन बनाने का प्रोजैक्ट भी शुरू किया जाएगा। महिला बंदियों को जेल में सैनिटरी नैपकिन बनाना भी सिखाया जाएगा। जैसे पहले पांच मशीनों की मदद से महिला बंदी एक दिन में 800 से लेकर एक हजार नैपकिन बना लेती थी, कोरोना काल में गुरुग्राम की जेल की महिलाओं को दूसरी जेलों में भेजकर गुरुग्राम जेल में क्वारेंटाइन सैंटर बना दिया गया था परंतु अब जब गुरुग्राम में महिला कैदी लौट आई हैं उन महिलाओं को फिर से नैपकिन बनाने की ट्रेङ्क्षनग दी जाएगी। शुरूआत में 15 महिला कैदियों को नैपकिन बनाने सिखाएंगे और उसके बाद वही 15 महिलाएं अन्य महिलाओं को नैपकिन बनाने का प्रशिक्षण देंगी। मोनिका ने बताया कि प्रदेश की 19 में से 16 जेलों में महिला कैदी रखी गई हैं और इन जेलों में मशीन और इनसीनरेटर लगाने पर एक लाख रुपए के करीब खर्च किए गए हैं।

 

नहीं जागरूक ग्रामीण महिलाएं मासिक स्वच्छता के बाबत  
मोनिका धवन का कहना है कि उनके संगठन ने जेलों में बंद महिलाओं से मुलाकातें की हैं और पाया है कि बहुत सी बंदी ग्रामीण तबके से संबंधित हैं और उन्हें मासिक स्वच्छता की जानकारी नहीं है। महिलाएं गंदे कपड़े इस्तेमाल करती हैं और ऐसे में उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है। कॉमनवैल्थ ह्यूमन राइट इनीशिएटिव द्वारा जेलों में किए गए अध्ययन की रिपोर्ट भी यही कहती है कि महिला बंदियों को मासिक स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाना जरूरी है। महिलाओं की देखरेख के लिए गाइनीकोलॉजी डाक्टर्स भी नियमित समय पर महिलाओं की जांच करती रहें। महिला कैदियों को मशीन से नैपकिन निकालने से लेकर ठिकाने लगाने का तरीका भी बताएंगे और शरीर को साफ सुथरा रखने के लिए भी कहेंगे।

अध्ययनों की रिपोर्ट पर शुरू हुए प्रोजैक्ट  
पी.जी.आई. चंडीगढ़ के स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ विभाग के वर्ष 2018 की अध्ययन रिपोर्ट कहती है कि हरियाणा के ग्रामीण तबके में रहने वाली सिर्फ 30 प्रतिशत महिलाओं को ही मासिक धर्म के दौरान सैनिटरी नैपकिन मिल पाते हैं। बाकी महिलाओं को न तो मासिक स्वच्छता की जानकारी है और न ही नैपकिन तक पहुंच। अन्य अध्ययनों की रिपोर्ट कहती है कि प्रदेश की बहुत सारी बच्चियां पीरियड्स शुरू होने के बाद या तो स्कूल से गैर-हाजिर रहना शुरू कर देती हैं या स्कूल में पढऩा ही छोड़ देती हैं। अध्ययनों की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए बीते साल मनोहर सरकार ने 30.80 करोड़ रुपए महिलाओं की मासिक स्वच्छता प्रोजैक्ट और नि:शुल्क सैनिटरी नैपकिन बांटने के लिए बजट को मंजूरी दी थी। प्रदेश की 22.5 लाख महिलाओं व बच्चियों को महिला एवं किशोरी सम्मान योजना के अंतर्गत नैपकिन बांटना शुरू किए गए थे। योजना में प्रदेश की 10 साल से लेकर 45 साल की महिलाओं को शामिल किया गया था।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!