हिमाचल में गठित होगा वाल्मीकि कल्याण बोर्ड

Edited By ,Updated: 17 Feb, 2015 12:03 AM

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प्रदेश में वाल्मीकि कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रवास के दौरान मनियाड़ा में आयोजित जनसभा में यह घोषणा की।

पंचरुखी : प्रदेश में वाल्मीकि कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रवास के दौरान मनियाड़ा में आयोजित जनसभा में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न समुदायों व वर्गों के कल्याण के लिए पहले ही कई कल्याण बोर्ड गठित किए गए हैं, ऐसे में अब सरकार ने इसी तर्ज पर वाल्मीकि कल्याण बोर्ड के गठन का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार चम्बा, हमीरपुर व नाहन में नए मैडीकल कालेज खोलने जा रही है।

 

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि मेरे कुछ मित्रों ने जब वे दिल्ली में थे तो उनके परंपरागत रोहड़ू क्षेत्र को रिजर्व करवा दिया। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद मैं किसी भी क्षेत्र से चुनाव लडऩे को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वह शिमला ग्रामीण क्षेत्र से विधायक हैं परंतु उक्त क्षेत्र पिछड़ा हुआ है तथा इस क्षेत्र में विकास व बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के लिए वे प्रयासरत हैं।  इस अवसर पर विस अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने कहा कि प्रदेश में विकास का श्रेय कांग्रेस पार्टी व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को जाता है। उन्होंने कहा कि निर्धन वर्ग के प्रति मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह संवेदनशील रहे हैं तथा इस वर्ग को ध्यान में रखकर कई योजनाएं उनके नेतृत्व में लागू की गईं। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री सुधीर शर्मा, मुख्य संसदीय सचिव जगजीवन पाल, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष जगदीश सिपहिया, विधायक अजय महाजन, यादविंद्र गोमा, आशीष बुटेल व अन्य उपस्थित थे।

 

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल पर मनरेगा के लिए केंद्र से जारी धनराशि को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए राज्य को मनरेगा के अंतर्गत 761.71 करोड़ की धनराशि स्वीकृत हुई है तथा उसी के अनुरूप राज्य में कार्य भी करवाए गए परंतु अभी तक स्वीकृत धनराशि के स्थान पर प्रदेश को केंद्र से 355.43 करोड़ रुपए ही प्राप्त हुए हैं, जिस कारण श्रमिकों को भुगतान करने में परेशानी आ रही है। उन्होंने कहा कि शेष धनराशि जारी किए जाने का आग्रह करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत प्रेम कुमार धूमल भ्रामक प्रचार कर केंद्र से धनराशि जारी होने की बात कर रहे हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यदि उक्त धनराशि प्रेम कुमार धूमल के मार्फत भेजी गई है तो वह इसे उन्हें भेज दें।

 

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध करवाए जाने का दायित्व शिक्षकों पर है। ऐसे में अच्छा परिणाम न देने वाले अध्यापकों पर सरकार अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी तथा ऐसे शिक्षकों को स्थानांतरित करने के स्थान पर डिसमिस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के प्रसार के दृष्टिगत सरकार ने सभी स्थानों पर आवश्यकता अनुरूप स्कूल खोले हैं वहीं पात्र शिक्षकों की नियुक्ति की है।

 

उन्होंने कहा कि इसके विपरीत अनेक पब्लिक स्कूलों में अनेक स्कूल अध्यापक बी.एड. तक नहीं हैं तथा ये संस्थान शिक्षा संस्थान न बनकर व्यावसायिक संस्थान बन कर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों के बच्चे पब्लिक स्कूलों में पढ़ रहे हैं, जिससे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों में हीन भावना आती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अगले सत्र से प्रथम कक्षा से ही बच्चों को हिन्दी, अंग्रेजी व गणित विषय पढ़ाए जाएंगे ताकि उनकी नींव मजबूत हो सके। उन्होंने पंचायतों व अभिभावकों से भी इस संदर्भ में सहयोग देने का आग्रह करते हुए कहा कि जहां उन्हें कुछ कमियां दिखाई दें तो उसे लेकर वे उन्हें पत्र लिखकर अवगत करवाएं।

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