Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Jan, 2022 12:16 PM
तालिबान के कब्जे के बाद से ही अफगानिस्तान की हालत दयनीय होती जा रही है। बता दें कि अफगानिस्तान इन दिनों आर्थिक तंगी से गुज़र रहा है। मीडिया रिपोटों के मुताबिक अफगानिस्तान में गहराई आर्थिक तंगी के कारण देश की 50 फीसदी फैक्ट्रियां बंद हो गई...
अफगानिस्तान: तालिबान के कब्जे के बाद से ही अफगानिस्तान की हालत दयनीय होती जा रही है। बता दें कि अफगानिस्तान इन दिनों आर्थिक तंगी से गुज़र रहा है। मीडिया रिपोटों के मुताबिक अफगानिस्तान में गहराई आर्थिक तंगी के कारण देश की 50 फीसदी फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं और इन फैक्ट्रियों में होने वाला उत्पादन पूरी तरह से ठप पड़ गया है। जिस वजह से एक तरफ जहां कई आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता का संकट गहराने लगा है, तो वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में अफगानिस्तान नागरिक बेरोजगाार हो गए हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इन कारणों की वजह से अफगानिस्तान भुखमरी की तरफ बढ़ने लगा है।
अफगानिस्तान के प्रतिष्ठित टोलो न्यूज ने अफगानिस्तान में गहराई आर्थिक तंगी के कारण देश की 50 फीसदी फैक्ट्रियां बंद होने की रिपोर्ट प्रकाशित की है,जिसमें बताया गया है कि क्ट्रियों के बंद होने की मुख्य वजह से बैंकिंग समस्या और बिजली की कमी है। खबर में बताया गया है कि बैंकिंंग समस्या, बिजली की कमी, कच्चे माल का अभाव और बिजली संकट की वजह से देश की 40 से 50 फीसदी फैक्ट्रि्यां बंद हो गई हैं।
असल में अफगानिस्तान अपनी बिजली की मांग को लेकर पूरी तरह से सेंट्र्ल एशियाई देशोंं पर निर्भर है। बीते दिनों उज्बेकिस्तान ने बकाया भुगतान ना मिलने के कारण अफगानिस्तान की बिजली में कटौती कर दी थी, इस वजह से काबुल समेत कई शहरों की बिजली गुल हो गई थी।
वहीं मीडिया रिपोटों का दावा है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार अपना पहला बजट लाने जा रही है। इसको लेकर मंगलवार को एक बैठक आयोजित की गई थी। असल तंगहाली का सामना कर रहे अफगानिस्तान को तालिबान सरकार के पहले बजट से बेहद उम्मीदें हैं।