Edited By Pardeep,Updated: 03 Feb, 2024 11:30 PM
हाल ही में जॉर्डन स्थित अमेरिकी के कैंप पर हुए ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी। अब इसके जवाब में अमेरिकी सेना ने शुक्रवार को ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड (आईआरजीसी) और उसके समर्थित मिलिशिया से जुड़े 85 से अधिक ठिकानों के खिलाफ इराक...
इंटरनेशनल डेस्कः हाल ही में जॉर्डन स्थित अमेरिकी के कैंप पर हुए ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी। अब इसके जवाब में अमेरिकी सेना ने शुक्रवार को ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड (आईआरजीसी) और उसके समर्थित मिलिशिया से जुड़े 85 से अधिक ठिकानों के खिलाफ इराक और सीरिया में हवाई हमले शुरू किए जिसमें कथित तौर पर 30 से अधिक लोग मारे गए।
अमेरिकी हवाई हमलों को ‘घोर आक्रामकता' करार देते हुए इराक सरकार के प्रवक्ता बसीम अल अवदी ने सरकारी इराकी समाचार एजेंसी (आईएनए) को बताया कि अमेरिकी प्रशासन ने इराक की संप्रभुता का उल्लंघन किया जब उसके विमानों ने आकाशत और अल-कैम क्षेत्र तथा इसके साथ ही हमारे सुरक्षा बलों पर हवाई हमले किए।'' अल-अवदी ने उन रिपोर्टों का भी खंडन किया जिनमें दावा किया गया था कि सरकार और अमेरिका के बीच समन्वय था।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने एक बयान में कहा कि हमले "संयुक्त राज्य अमेरिका की एक और साहसिक और रणनीतिक गलती का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसके परिणामस्वरूप केवल तनाव और अस्थिरता बढ़ेगी"।
बाइडेन बोले- कोई हमें नुकसान पहुंचाएगा तो चुप नहीं रहेंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बयान में कहा कि हमारी प्रतिक्रिया आज शुरू हुई है। यह दुश्मन स्थानों पर जारी रहेगी। बाइडेन ने कहा कि कोई अगर हमें नुकसान पहुंचाएगा तो हम चुप नहीं रहेंगे, उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। वहीं इससे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि उन्होंने सीरिया की सीमा के निकट पूर्वोत्तर जार्डन में किए गए ड्रोन हमलों का जवाब देने का मन बना लिया है।
इससे पहले अमेरिकी बेस केंप में एक ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी और 40 से अधिक घायल हो गए थे। अमेरिका ने हमले के लिए ईरान समर्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में हमलों के लिए समय सीमा का कोई जिक्र नहीं किया गया था।