Edited By ,Updated: 07 Feb, 2016 04:24 PM
आपने अपनी रियल लाइफ में देखा होंगा कि कैसे जानवर अपने मालिक का दुख कम करने के लिए उसका सहारा बनते हैं लेकिन शायद ही कोई इंसान ...
बीजिंग:आपने अपनी रियल लाइफ में देखा होंगा कि कैसे जानवर अपने मालिक का दुख कम करने के लिए उसका सहारा बनते हैं लेकिन शायद ही कोई इंसान इन जानवरों के दुख को समझने की कोशिश करता है। यह बेजुबान जानवर तो बोल कर भी अपना दुख किसी को नहीं बता सकते परन्तु उनकी आंखें उनके दुख को बयान कर देती हैं । जानवरों पर जुल्म की यह कहानी चीन की है। जहां बंदरों से लोगों के मनोरंजन का काम तो लिया जाता है परन्तु इस दौरान उन को कई कष्ट दिए जाते हैं ।
चीन के बाओवान में पिछले 100 सालों से बंदरों को करतब दिखाने की प्रशिक्षण दिए जाने की परंपरा है । इस प्रशिक्षण में इन को ऐसे हालातों का सामना करना पड़ता है कि इंसान का चेहरा देख कर ही वह कांप जाते हैं। इन बंदरों को मेटल के कॉलर से बांधा जाता है और उन्हें हमेशा डरा कर रखा जाता है । उन को चाकू के साथ करतब दिखाने के लिए मज़बूर किया जाता है।बाओवान में ज़मीन उपजाऊ न होने के कारण लोगों को इस काम पर निर्भर रहना पड़ता है। पूरे चीन में जहां बंदरों का प्रजनन गैर -कानूनी माना जाता है, वहां बाओवान में बंदरों की संख्या 2500 है ।