Edited By Seema Sharma,Updated: 17 Mar, 2021 01:44 PM
चीन नहीं चाहता कि दुनिया को पता चले कि उसके देश के अंदर क्या-क्या काले कारनामे चल रहे हैं। अपनी कारगुजारी को छुपाने के लिए चीन विदेशी पत्रकारों को वापिस भेज रहा है। पिछले साल चीन ने 18 विदेशी पत्रकारों को निर्वासित किया, जो 1989 के बाद से सबसे...
इंटरनेशनल डेस्क: चीन नहीं चाहता कि दुनिया को पता चले कि उसके देश के अंदर क्या-क्या काले कारनामे चल रहे हैं। अपनी कारगुजारी को छुपाने के लिए चीन विदेशी पत्रकारों को वापिस भेज रहा है। पिछले साल चीन ने 18 विदेशी पत्रकारों को निर्वासित किया, जो 1989 के बाद से सबसे ज्यादा है। वहीं इसी साल 2021 में चीन ने BBC world news पर भी बैन लगा दिया था। चीन का कहना था कि अगर उसके देश में रहना है तो उनके नियमों को मानना ही होगा। दरअसल कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के बीजिंग शहर से ही हुई थी और इसको लेकर शी जिनपिंग सरकार की दुनियाभर में काफी आलोचना हुई थी। कई मीडिया रिपोर्ट में चीन की साजिश का खुलासा हुआ था जिस पर जिनपिंग सरकार बौखला गई थी।
वहीं फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब ऑफ चाइना (FCCC) का मानना है कि चीन में विदेशी पत्रकारों के लिए काम करने की स्थिति 2020 से ही काफी बदतर हो गई है। कोरोना पर चीन ने रिपोर्टिंग को सीमित कर दिया है तो वहीं विदेशी पत्रकारों पर नजर रखी जा रही है कि वो क्या कवरेज कर रहे हैं। अगर कोई पत्रकार चीन सरकार के बारे में कुछ भी लिखता है तो उसे काफी परेशान किया जाता है। वहीं विदेशी पत्रकार चीन की पोल न खोल सकें इसलिए उन्हें देश से वापिस भेजा जा रहा है।