Edited By vasudha,Updated: 15 Nov, 2019 10:25 AM
चीन ने 2020 में मंगल ग्रह के लिये प्रस्तावित अपने पहले अभियान के तहत ‘मंगल अन्वेषण लैंडर'' का वीरवार को परीक्षण पूरा कर लिया है। चीनी सेना द्वारा संचालित इस अंतरिक्ष कार्यक्रम में अरबों डॉलर लगाया है और बीजिंग 2022 तक वहां अपने अंतरिक्ष यात्रियों का...
इंटरनेशनल डेस्क: चीन ने 2020 में मंगल ग्रह के लिये प्रस्तावित अपने पहले अभियान के तहत ‘मंगल अन्वेषण लैंडर' का वीरवार को परीक्षण पूरा कर लिया है। चीनी सेना द्वारा संचालित इस अंतरिक्ष कार्यक्रम में अरबों डॉलर लगाया है और बीजिंग 2022 तक वहां अपने अंतरिक्ष यात्रियों का एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की उम्मीद कर रहा है।
इस टेस्टिंग उत्तरी हेबई प्रांत के हुआईलाई में की गई जहां इस टेस्टिंग का कई देशों के राजनयिक गवाह बने जिसमें भारत भी शामिल था। चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के निदेशक चांग केच्यान ने कहा कि यह परीक्षण मंगल पर उतरने की चीन की योजना का एक अहम हिस्सा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल, सभी विकास कार्य सुगमता से चल रहे हैं।
हाल के वर्षों में चीन मानवयुक्त अंतरिक्ष यान भेजने वाला एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरा है और चंद्रमा के अंधेरे पक्ष में एक रोवर उतारने की तैयारी में है। गौरतलब है कि साल 2014 में भारत मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बना था। 450 करोड़ (73 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की लागत से मंगल मिशन शुरू करने वाला भारत दुनिया का अकेला देश है जो सबसे कम खर्च में इस मिशन पर है।