चीन ने ताइवान से संबंध तोड़ेने वाले द्वीपीय देश के साथ फिर जोड़े राजनयिक संबंध

Edited By Tanuja,Updated: 24 Jan, 2024 12:36 PM

former taiwan ally nauru re establishes diplomatic ties with china

चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि बीजिंग ने नाउरू के साथ राजनयिक संबंध औपचारिक रूप से बहाल कर लिए हैं। प्रशांत द्वीपीय देश नाउरू ने...

बीजिंग: चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि बीजिंग ने नाउरू के साथ राजनयिक संबंध औपचारिक रूप से बहाल कर लिए हैं। प्रशांत द्वीपीय देश नाउरू ने इसी महीने ताइवान के साथ अपने संबंध खत्म कर दिए थे जिसके बाद चीन ने यह कदम उठाया है। नाउरू ने ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव के महज दो दिन बाद ही 15 जनवरी को यह घोषणा की थी कि वह ताइवान के साथ अपने संबंध खत्म कर रहा है। नाउरू के इस कदम के बाद ताइवान के अब 12 देशों के साथ राजनयिक संबंध रह गए हैं। हालांकि, अमेरिका, जापान और अन्य देशों के साथ उसके मजबूत अनौपचारिक संबंध हैं।

 

चीन यह दावा करता रहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है और वह उसकी सरकार या उसकी राजनयिक मान्यता, संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक निकाय में भागीदारी या विदेशी राजनीतिक संस्थाओं के साथ किसी आधिकारिक संपर्क के अधिकार को मान्यता नहीं देता है। नाउरू सरकार ने ताइवान से संबंध तोड़ने की घोषणा करते हुए एक समाचार विज्ञप्ति में कहा था, ‘‘यह नीति परिवर्तन नाउरू के लिए विकास के साथ आगे बढ़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहला कदम है।'' चीन ताइवान की सत्तारूढ़ ‘डेमोक्रेटिक प्राग्रेसिव पार्टी' (DPP) को सजा देने के लिए ताइवान के राजनयिक सहयोगियों को अपने पाले में लाने की कोशिश करता रहा है। ताइवान की सत्तारूढ़ पार्टी यथास्थिति बनाए रखने की वकालत करती है जिसके तहत ताइवान की अपनी सरकार हो और उस पर चीन का नियंत्रण न हो।

 

DPP अध्यक्ष साई इंग-वेन के 2016 में शुरुआती चुनाव के बाद से 10 देशों ने ताइपे से संबंध तोड़कर बीजिंग से स्थापित कर लिए हैं। चीन का कहना है कि ताइवान को किसी न किसी बिंदु पर उसके नियंत्रण में आना होगा और उसने अपना दृढ़ संकल्प प्रदर्शित करने के लिए द्वीप के चारों ओर सैन्य अभ्यास किया है। नाउरू के संबंध तोड़ने के वक्त ताइवान के उप विदेश मंत्री तिएन चुंग-क्वांग ने चीन पर इस कदम के लिए द्वीपीय राष्ट्र के निवर्तमान उपराष्ट्रपति लाई चिंग-ते के नए नेता निर्वाचित होने के समय को जानबूझकर चुनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि चीन का इरादा उस लोकतंत्र और स्वतंत्रता पर हमला करना है जिस पर ताइवान के लोगों को गर्व है। ताइवान के अब 11 देशों तथा वेटिकन सिटी के साथ राजनयिक संबंध रह गए हैं। संबंधित 11 देशों में से सात लातिन अमेरिका और कैरेबिया में हैं, जबकि तीन प्रशांत द्वीप समूह में और एक अफ्रीका में है। 

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