Edited By Tanuja,Updated: 27 Apr, 2024 12:41 PM
: श्रीलंका ने चीन को बड़ा झटका देते हुए हम्बनटोटा स्थित मटाला राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रबंधन की जिम्मेदारी भारत को सौंप दी हैं और इसमें
कोलंबो: श्रीलंका ने चीन को बड़ा झटका देते हुए हम्बनटोटा स्थित मटाला राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रबंधन की जिम्मेदारी भारत को सौंप दी हैं और इसमें रूस की कंपनी भी मदद करेगा है। श्रीलंका सरकार की कैबिनेट ने शुक्रवार को यह फैसला लिया है। सरकार के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस हवाई अड्डे का निर्माण 20.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर में किया गया है और एक समय उड़ानों की कमी की वजह से इसे ‘दुनिया का सबसे सुनसान हवाई अड्डा' करार दिया गया था। सरकारी प्रवक्ता और मंत्री बांदुला गुणवर्धने ने संवाददाताओं से कहा कि श्रीलंका के मंत्रिमंडल ने नौ जनवरी को संभावित पक्षकारों से रुचि पत्र आमंत्रित करने की मंजूरी दी थी।
श्रीलंका के तटीय शहर हंबनटोटा के नजदीक स्थित इस एयरपोर्ट का निर्माण चीन द्वारा किया गया है। श्रीलंका की सरकार ने 99 वर्षों के लिए चीन को लीज पर दिया हुआ है। ऐसे में इसी बंदरगाह के नजदीक स्थित एयरपोर्ट का प्रबंधन भारतीय कंपनी को मिलना अहम है। उन्होंने बताया कि इसके बाद पांच प्रस्ताव प्राप्त हुए और कैबिनेट द्वारा नियुक्त सलाहकार समिति ने भारत की शौर्य एयरोनॉटिक्स (प्राइवेट) लिमिटेड और रूस की एयरपोर्ट्स ऑफ रीजन्स मैनेजमेंट कंपनी को 30 वर्षों के लिए एक प्रबंधन अनुबंध देने का निर्णय लिया। गुणवर्धने ने बताया कि मंत्रिमंडल ने नागरिक विमानन और हवाई अड्डा सेवा मंत्री की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मटाला हवाई अड्डे का नाम पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के नाम पर रखा गया है।
महिंदा राजपक्षे के करीब एक दशक के शासन में कई विशाल आधारभूत संरचना परियोजनाएं शुरू की गई जिनमें से यह एक है। इस परियोजना के लिए चीन ने उच्च ब्याज दर पर वाणिज्यिक ऋण दिया। इस परियोजना पर 20.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च हुए जिनमें से 19 करोड़ डॉलर की राशि चीन की एग्जिम बैंक ने उच्च ब्याज दर पर मुहैया कराई है। श्रीलंका सरकार 2016 से ही इस हवाई अड्डे के प्रबंधन के लिए वाणिज्यिक साझेदार की तलाश कर रही है क्योंकि उसे इससे भारी नुकसान हो रहा था।