Edited By Anil dev,Updated: 20 Feb, 2021 12:11 PM
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार देश का खजाना भरने के लिए अब बलात्कार पीड़िताओं एक निर्धारित शुल्क लेगा, जबकि लोकल लोगों को भी सामान्य शवों के पोस्टमार्टम के लिए कुछ शुल्क देना पड़ेगा। इसके लिए बाकायदा चार्ज लिस्ट जारी की गई है। दुष्कर्म पीड़ित को 25 हजार...
इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान की इमरान खान सरकार देश का खजाना भरने के लिए अब बलात्कार पीड़िताओं एक निर्धारित शुल्क लेगा, जबकि लोकल लोगों को भी सामान्य शवों के पोस्टमार्टम के लिए कुछ शुल्क देना पड़ेगा। इसके लिए बाकायदा चार्ज लिस्ट जारी की गई है। दुष्कर्म पीड़ित को 25 हजार पाकिस्तानी रुपए मेडिकल टेस्ट के, जबकि 5 हजार रुपए ऑटोप्सी के लिए देने होंगे। अगर किसी मामले में डीएनए टेस्टिंग की जरूरत पड़ी, तो उसके लिए 18,000 रुपये की फीस तय की गई है। वहीं सामान्य शवों के पोस्टमार्टम के लिए पांच हजार रुपए का शुल्क निर्धारित करने का एक प्रस्ताव रखा है।
17 नए शुल्कों को दी गई मंजूरी
यह फैसला 14 फरवरी को प्रबंधन समिति द्वारा आयोजित एक बैठक में लिया गया, जिसमें ऐसे 17 नए शुल्कों को मंजूरी दी गई। इस फैसले के बाद कहा जा रहा है कि पुलिस विभाग के पास पहले से ही एक सीमित जांच बजट होता है, ऐसे में इस तरह के उच्च शुल्क की शुरूआत से स्थानीय पुलिस थानों द्वारा पीड़ित परिवारों को न केवल पोस्टमार्टम, बल्कि डीएनए टेस्ट और रेप पीड़िताओं के मामले में मेडिकल टेस्ट के लिए शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर करने की संभावना बढ़ जाएगी।
पुलिस भी पीड़िताओं के परिवार पर बनाएगी दबाव
पाकिस्तान में पुलिस के पास पहले से ही अपराध के मामलों की जांच के लिए फंड की कमी है। उन्हें बहुत मामूली बजट के अंदर जांच में आए खर्च को पूरा करना होता है। ऐसे में पाकिस्तान के पुलिसकर्मी भी न केवल पोस्टमॉर्टम बल्कि डीएनए टेस्ट और बलात्कार पीड़िताओं के मेडिकल चेकअप के लिए पीड़िताओं के परिजनों पर भुगतान करने का दबाव बनाएंगे।
शव रखने का भी चार्ज
अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो अस्पताल के फ्रीजर में डेडबॉडी रखने के लिए 24 घंटे के 1500 रुपए देने होंगे। डीएनए के लिए 18 हजार, पोस्टमॉर्टम अगर दूसरे शहर या अस्पताल में होता है तो 25 हजार रुपए देने होंगे। यूरिन टेस्ट 2 हजार, पॉइजन टेस्ट 4 हजार और पैटरनिटी टेस्ट 20 हजार में होगा। वहीं लोगों ने इस फैसले को शर्मनाक बताया है। उनका कहना है सरकारी खजाना भरने के लिए सरकार ऐसा कर रही जो कि बेहद गलत है। उनका कहना है कि सरकार को ये फैसला वापस लेना चाहिए।