नाटो देशों ने चीन को लेकर जताई चिंता, बताया- सुरक्षा के लिए चुनौती

Edited By Yaspal,Updated: 14 Jun, 2021 11:03 PM

nato countries expressed concern about china told challenge to security

नाटो के नेताओं ने सोमवार को घोषणा की कि चीन सुरक्षा के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है और अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित व्यवस्था को कमतर करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने चिंता जताई कि वह काफी तेजी से परमाणु मिसाइल विकसित कर रहा है...

इंटरनेशनल डेस्कः नाटो के नेताओं ने सोमवार को घोषणा की कि चीन सुरक्षा के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है और अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित व्यवस्था को कमतर करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने चिंता जताई कि वह काफी तेजी से परमाणु मिसाइल विकसित कर रहा है। नाटो नेताओं ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि चीन के लक्ष्य और ‘‘दबाव बनाने वाले व्यवहार ने नियमों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था के समक्ष चुनौती पेश कर दी है और गठबंधन की सुरक्षा वाले क्षेत्रों में भी यह चिंता का विषय है।''

हालांकि, 30 देशों की सरकार और प्रमुखों ने चीन को प्रतिद्वंद्वी नहीं कहा लेकिन इसकी ‘‘दबाव वाली नीतियों'' पर उन्होंने चिंता जताई। उन्होंने चीन की सेना के आधुनिकीकरण के अपारदर्शी तरीकों और सूचना नहीं देने पर भी चिंता जताई। उन्होंने बीजिंग से अपील की कि ‘‘वह अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखे और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में जिम्मेदारी से काम करे जिसमें अंतरिक्ष, साइबर और समुद्री क्षेत्र शामिल हैं और बड़ी शक्ति के रूप में अपनी भूमिका निभाए।''

यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड, इसके व्यापार व्यहार और इसकी सेना के लगातार दबाव वाले व्यवहार के बारे में एक स्वर में बोलने के प्रयासों को तेज किया है। बाइडन तीन दिनों तक ब्रिटेन में सात गठबंधन सहयोगियों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद यहां पहुंचे। जी-7 में उन्होंने उइगुर मुस्लिमों को प्रभावित करने वाले जबरिया मजदूरी प्रथा और पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में अन्य मानवधिकार उल्लंघनों का मुद्दा उठाया।

राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि वह साझा बयान से संतुष्ट हैं, हालांकि सहयोगियों में मतभेद बरकरार रहा कि बीजिंग की कितनी कड़ी आलोचना की जाए। द न्यू ब्रसेल्स विज्ञप्ति में कहा गया कि नाटो देश ‘‘गठबंधन के सुरक्षा हितों के लिए चीन से बातचीत करेंगे।''

गठबंधन के मुख्यालय में पहुंचने के तुरंत बाद बाइडन ने नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग के साथ बैठक की और गठबंधन के चार्टर के अनुच्छेद पांच के लिए प्रतिबद्धता जताई, जिसमें कहा गया है कि एक सदस्य पर हमला सभी पर हमला माना जाएगा और इसका समन्वित जवाब दिया जाएगा।

बाइडन ने कहा, ‘‘मैं नाटो से कहना चाहता हूं कि अमेरिका आपके साथ है।'' यह ट्रम्प के रूख के विपरीत है जिन्होंने गठबंधन को ‘‘जर्जर'' बताया था। स्टोलटेनबर्ग ने गठबंधन के समक्ष बृहद् चुनौतियों के बारे में बताया। ब्रिटेन से यहां पहुंचे बाइडन का जोरदार स्वागत हुआ।

नाटो गठबंधन के नेताओं ने यह भी कहा कि वे जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर ‘‘चीन के साथ मिलकर काम करने का स्वागत करते हैं।'' ब्रसेल्स में सोमवार को शिखर सम्मेलन के दौरान बयान जारी किया गया जो चीन पर सैन्य गठबंधन का पहला इस तरह का बयान है। राजनयिकों ने कहा कि बयान का यह सबसे कठोर हिस्सा था।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!