Edited By Tanuja,Updated: 15 Jan, 2022 06:05 PM
कंगाल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिन ब दिन गर्त में गिरती जा रही है। लंबे समय से खस्ताहाल पाक की अर्थव्यवस्था को लेकर एक हालिया रिपोर्ट में
पेशावरः कंगाल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिन ब दिन गर्त में गिरती जा रही है। लंबे समय से खस्ताहाल पाक की अर्थव्यवस्था को लेकर एक हालिया रिपोर्ट में खुलासा किया गया है। र्पोर्ट के अनुसार अगर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) कार्यक्रम जनवरी के अंत या इस साल फरवरी की शुरुआत में पुनर्जीवित नहीं होता है, तो चालू वित्त वर्ष के अंत तक पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और संकट में घिर जाएगी।
पॉलिसी रिसर्च ग्रुप के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में पाकिस्तान को विदेशी कर्ज के कारण 8.638 बिलियन अमरीकी डॉलर की भारी राशि का भुगतान करना होगा। पिछले चार साल में विदेशी कर्ज की अदायगी में 399 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2017-18 में यह 286.6 अरब रुपये था और अब इसके 1,427.5 अरब रुपये होने का अनुमान है।
पाकिस्तान का चालू खाता घाटा (CSD) और विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे गिर रहा है। इसके बावजूद कि उसने पहली छमाही (जुलाई-दिसंबर) में सउदी अरब से 3 बिलियन अमरीकी डॉलर, आईएमएफ से 2 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक और अंतर्राष्ट्रीय यूरोबॉन्ड के जरिए 1 बिलियन अमरीकी डॉलर का उधार लिया है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के पास 31 दिसंबर 2021 तक 17.6 बिलियन अमरीकी डॉलर ही विदेशी मुद्रा भंडार था।
जुलाई 2021 में एसबीपी के पास विदेशी मुद्रा भंडार 17.8 बिलियन अमरीकी डॉलर था। पॉलिसी रिसर्च ग्रुप के अनुसार, करीब 6 बिलियन अमरीकी डॉलर के डॉलर के प्रवाह के बावजूद चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार का निर्माण नहीं किया जा सका। पाकिस्तान फिलहाल वित्तीय चुनौतियों से जूझ रहा है, क्योंकि देश का व्यापार घाटा उच्च स्तर पर बढ़ रहा है। मुद्रास्फीति बढ़ रही है और सरकार को आईएमएफ की कुछ मांगों को पूरा करने के लिए करों में बढ़ोतरी के लिए मिनी बजट लाना पड़ा।