ब्रिटिश कोर्ट ने रवांडा प्रवासी योजना को बताया गैरकानूनी, PM सुनक बोले- जल्द लाएंगे आपातकालीन कानून

Edited By Tanuja,Updated: 16 Nov, 2023 04:44 PM

sunak vows emergency legislation to force through rwanda policy

ब्रिटेन में लंदन  सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया कि शरण के लिए शरणार्थियों के आवेदन पर कार्रवाई के दौरान उन्हें रवांडा निर्वासित करने की...

लंदनः ब्रिटेन में लंदन  सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया कि शरण के लिए शरणार्थियों के आवेदन पर कार्रवाई के दौरान उन्हें रवांडा निर्वासित करने की ब्रिटिश सरकार की नीति गैरकानूनी है। देश की सर्वोच्च अदालत ने एक अपीलीय अदालत के इस फैसले से सहमति जताई कि इस बात को मानने के पर्याप्त आधार हैं कि रवांडा निर्वासित किए गए लोगों को रवांडा की सरकार द्वारा बाद में उन जगहों पर भेजा जा सकता है जहां वे सुरक्षित नहीं रह पाएंगे। यह हाल ही में बर्खास्त ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन द्वारा समर्थित प्रमुख नीतियों में से एक थी, जिन्होंने एक पत्र में इस तरह के फैसले की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पर मढ़ने की कोशिश की थी और दावा किया था कि सुनक अवैध प्रवासन के मुद्दे से निपटने के लिए एक प्रामाणिक ‘प्लान-बी' तैयार नहीं कर सके। 

 

सुनक ने फैसले के बाद माना कि सरकार इस तरह का नतीजा नहीं चाहती थी लेकिन वह इस तरह की स्थिति के लिए तैयार थे। सुनक ने आगे कहा कि वह रवांडा के साथ एक नई अंतरराष्ट्रीय संधि पर काम कर रहे है जो यह सुनिश्चित करने में 'कानूनी गारंटी' प्रदान करेगी कि यूके से निर्वासित लोगों को उनके गृह देश में वापस नहीं भेजा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनक ने कहा कि न्यायपालिका द्वारा अप्रवासियों को निर्वासित करने की उनकी योजना को गैरकानूनी घोषित करने के बाद वह रवांडा को शरण चाहने वालों के लिए एक सुरक्षित देश घोषित करने के लिए आपातकालीन कानून लाएंगे। 

 

उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को "स्वीकार करते हैं और उसका सम्मान करते हैं", लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह इससे सहमत नहीं हैं और इससे बचने का कोई रास्ता खोजेंगे। बता दें लंदन स्थित सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया कि शरण के लिए शरणार्थियों के आवेदन पर कार्रवाई के दौरान उन्हें रवांडा निर्वासित करने की ब्रिटिश सरकार की नीति गैरकानूनी है. देश की सर्वोच्च अदालत ने एक अपीलीय अदालत के इस फैसले से सहमति जताई कि इस बात को मानने के पर्याप्त आधार हैं कि रवांडा निर्वासित किए गए लोगों को रवांडा की सरकार द्वारा बाद में उन जगहों पर भेजा जा सकता है जहां वे सुरक्षित नहीं रह पाएंगे।

 
सुनक कंजर्वेटिव पार्टी के डिप्टी चेयरमैन ली एंडरसन के उन सुझावों से भी सहमत नहीं थे, जिनमें यूके सरकार से अदालत के फैसले को नजरअंदाज करने और किसी भी तरह से उड़ानों को उड़ान भरने की अनुमति देने के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा कि लोग 'इसे पूरा करने के प्रयासों को बार-बार मिलने वाली चुनौतियों से निराश हैं।' सुनक ने कहा, 'मेरी सहन शक्ति खत्म हो गई, वास्तव में मुझे लगता है कि देश का धैर्य ख़त्म हो गया है.' उन्होंने दावा किया कि उन्हें लगता है कि अगले साल के वसंत तक रवांडा के लिए विमान चल सकते हैं।  बता दें सुनक को टोरी सांसदों के एक गुट के दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जो उनसे अदालत के फैसले को दरकिनार करने के लिए कार्रवाई करने के लिए कह रहे हैं। 

 

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