Edited By Tanuja,Updated: 22 Dec, 2021 11:05 AM
आर्थिक मंदहाली से जूझ रहा तालिबान एक बड़ी गलती कर बैठा है और अब उस पर पछता भी रहा है। दरअसल, तालिबान ने गलती ...को तरस रहे
इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद आर्थिक मंदहाली से जूझ रहा तालिबान एक बड़ी गलती कर बैठा है और अब उस पर पछता भी रहा है। दरअसल, तालिबान ने गलती से "दुश्मन" देश ताजिकिस्तान स्थित अपने दूतावास के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए जो ताजिकिस्तान ने वापस लौटाने से इंकार कर दिया है। ताजिकिस्तान सरकार आधिकारिक तौर पर तालिबान को आतंकी संगठनों में गिनती है, इसलिए अब यह पैसे वापस करना लगभग असंभव ही माना जा रहा है। ताजिकिस्तान तालिबान का शुरू से तालिबान का आलोचक है इसलिए तालिबानी उसे अपना दुश्मन समझते हैं।
दुशानबे स्थित न्यूज वेबसाइट ऐवेस्टा के अनुसार तालिबान ने करीब 8 लाख डॉलर (6 करोड़ रुपए से ज्यादा) ताजिकिस्तान में अफगानी दूतावास के अकाउंट में भेज दिए, जबकि यह नहीं किया जाना था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पैसे अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार द्वारा ट्रांसफर किए जाने थे। इस पैसे का इस्तेमाल ताजिकिस्तान में शरणार्थी बच्चों के लिए एक स्कूल के वित्तपोषण के लिए किया जाना था। हालांकि, जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया और गनी देश से भाग गए तो, यह सौदा विफल हो गया।
कुछ हफ्तों बाद, सितंबर में पैसे ट्रांसफर किए गए लेकिन कुछ खबरों के मुताबिक, 4 लाख डॉलर के आसपास ही पैसे दिए है। उस समय तालिबान की ओर से भी इसपर कुछ नहीं कहा गया। हालांकि, नवंबर आते-आते अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई और तब तालिबान ने ताजिकिस्तान की सरकार से संपर्क करके पाई-पाई वापस देने को कहा लेकिन ताजिकिस्तान के अधिकारियों ने यह मानने से साफ मना कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ताजिकिस्तान का कहना है कि उसने स्कूल तो नहीं बनवाया लेकिन चार महीने से शिक्षक और दूतावास के कर्मचारी इसी फंड से अपना वेतन ले रहे हैं। सारा पैसा दूतावास और अफगानिस्तान के नागरिकों की जरूरत पर खर्च किया जा रहा है।