पर्यावरण सम्मेलन में भाग न लेकर फंसे जिनपिंग, दुनिया भर में हो रही आलोचना

Edited By Tanuja,Updated: 28 Nov, 2021 01:36 PM

xi jinping faces criticism for missing global climate summit

वैश्विक पर्यावरण सम्मेलन में शामिल न होने पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दुनियाभर में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। जबकि...

बीजिंगः  वैश्विक पर्यावरण सम्मेलन में शामिल न होने पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को  दुनियाभर में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। जबकि चीन एकमात्र  देश है जो पूरी दुनिया में उत्सर्जित कुल कार्बन का एक-चौथाई हिस्सा अकेले ही छोड़ता है।  पर्यावरण पर COP26 के वैश्विक सम्मेलन का आयोजन संयुक्त राष्ट्र ने ग्लासगो में कराया था। कनाडा के एक थिंक टैंक के अनुसार विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि चीन के कार्बन उत्सर्जन के बड़े हिस्से को कम नहीं किए जाने तक विश्व पर्यावरण परिवर्तन की इस लड़ाई को नहीं जीत सकता है।

 

इंटरनेशनल फोरम फार राइट्स एंड सिक्योरिटी के अनुसार चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के  COP26 पर्यावरण सम्मेलन से नदारत रहने पर सभी को निराशा हुई है।  माना जा रहा है कि पर्यावरण परिवर्तन को कतई नहीं रोक सकते अगर इसका सबसे बड़ा दोषी ही नदारत हो जाए और कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार न हो। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति के रुख पर खेद जताते हुए कहा था कि इससे पर्यावरण संकट से निपटने की नेतृत्व क्षमता ही कमजोर पड़ गई है।

 

उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति ने सम्मेलन में नहीं आकर बड़ी भारी गलती की है। जबकि 120 देशों से अधिक के राष्ट्राध्यक्षों ने इस सम्मेलन में वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस नहीं बढ़ने देने के उपायों पर गंभीरता से मंथन किया। मेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी ग्लासगो बैठक में नेताओं की अनुपस्थिति के लिए चीन और रूस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह देखना निराशाजनक है कि इन बड़े उत्सर्जकों के नेताओं ने ग्लासगो में हुए सम्मेलन में भाग लेने से इन्कार कर दिया।

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