Edited By PTI News Agency,Updated: 17 May, 2022 10:46 PM

बेंगलुरु, 17 मई (भाषा) देश के दो सीट वाले प्रशिक्षण विमान ‘हंसा-एनजी’ में मंगलवार को उड़ान के दौरान ‘इंजन रीलाइट’ का सफल परीक्षण चल्लकेरे स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एरोनॉटिकनल परीक्षण रेंज (एटीआर) में किया गया। इस विमान...
बेंगलुरु, 17 मई (भाषा) देश के दो सीट वाले प्रशिक्षण विमान ‘हंसा-एनजी’ में मंगलवार को उड़ान के दौरान ‘इंजन रीलाइट’ का सफल परीक्षण चल्लकेरे स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एरोनॉटिकनल परीक्षण रेंज (एटीआर) में किया गया। इस विमान का विकास वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (एनएएल) ने किया है।
विमान एवं प्रणाली परीक्षण (एएसटीई), भारतीय वायुसेना के परीक्षण पायलट विंग कमांडर केवी प्रकाश और विंग कमांडर एनडीएस रेड्डी ने 60 से 70 समुद्री मील की गति के साथ 7,000-8,000 फुट की ऊंचाई पर यह परीक्षण किया। एनएएल की विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
उड़ान के दौरान ‘इंजन रीलाइट’ क्षमता को हवा से घूमने वाले प्रोपेलर और स्टार्टर से सहायताप्राप्त स्टार्ट के साथ प्रदर्शित किया गया था। विज्ञप्ति में बताया गया कि इन परीक्षण उड़ानों के दौरान विमान की विमान की विशेषताओं और उड़ान मापदंडों को सामान्य पाया गया।
सीएसआईआर-एनएएल ने बताया कि डीजीसीए द्वारा विमान के प्रमाणन की दिशा में उड़ान के दौरान ‘इंजन रीलाइट’ परीक्षण सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद विमान को 16 मई को एटीआर, चल्लकेरे के लिए रवाना किया गया था।
उड़ान परीक्षणों की निगरानी हंसा के परियोजना निदेशक अब्बानी रिंकू ने सीएसआईआर-एनएएल की डिजाइन टीम और एएसटीई से उड़ान परीक्षण दल के साथ की।
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