Edited By PTI News Agency,Updated: 31 Jul, 2022 12:58 PM
बेंगलुरु, 31 जुलाई (भाषा) भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) एवं भारतीय नौसेना ने विमानन अनुसंधान और विकास पर सहयोग करने तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत भारतीय नौसेना के आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों को गति देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर...
बेंगलुरु, 31 जुलाई (भाषा) भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) एवं भारतीय नौसेना ने विमानन अनुसंधान और विकास पर सहयोग करने तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत भारतीय नौसेना के आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों को गति देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
बेंगलुरु स्थित आईआईएससी ने एक बयान में बताया कि 29 जुलाई को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन भारतीय नौसेना को आईआईएससी में संबंधित संकाय सदस्यों के साथ बातचीत करने के लिए एक औपचारिक आधार प्रदान करेगा और पारस्परिक हित के क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों को बढ़ावा देगा।
इस समझौता ज्ञापन के तहत डिजाइन और शिक्षा प्रौद्योगिकी सहित एयरोस्पेस/वैमानिकी इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सहयोग किया जाएगा।
जिन विशेषज्ञताओं पर ध्यान दिया जाएगा, उनमें प्रणोदन एवं प्रणोदन प्रणाली, इस्पात प्रौद्योगिकी, धातुकर्म और सामग्री विज्ञान, इंस्ट्रुमेंटेशन और सेंसर की प्रणालियां एवं नियंत्रण, पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग, ऊर्जा विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, प्रबंधन (तकनीकी और रसद), औद्योगिक इंजीनियरिंग और परिचालन अनुसंधान, नैनो प्रौद्योगिकी और एमईएमएस (माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम), कृत्रिम मेधा, आंकड़ा विश्लेषण और मशीन लर्निंग शामिल हैं।
बयान में कहा गया है कि यह सहयोग आईआईएससी संकाय सदस्यों और भारतीय नौसेना के अधिकारियों के बीच नियमित बातचीत को भी बढ़ावा देगा।
एमओयू पर आईआईएससी के पंजीयक कैप्टन श्रीधर वारियर और भारतीय नौसेना के कैप्टन (एपीपी) पी विनयगम ने भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर यांत्रिक विज्ञान विभाग और आईआईएससी में अनुसंधान अनुदान कार्यालय के कई विभागों के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।
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