Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 03:24 PM
यूं तो कश्मीर में खुद को गर्म रखने के लिए कांगड़ी का इस्तेमाल हमेशा से किया जाता है लेकिन इस बार बिजली की आए दिन असमय कटौती के चलते इसकी मांग और भी बढ़ गई है। खपच्ची में रखी गयी मिट्टी की इस पारम्परिक अंगीठी का इस्तेमाल लोग खुद को गर्म रखने के लिए...
श्रीनगर : यूं तो कश्मीर में खुद को गर्म रखने के लिए कांगड़ी का इस्तेमाल हमेशा से किया जाता है लेकिन इस बार बिजली की आए दिन असमय कटौती के चलते इसकी मांग और भी बढ़ गई है। खपच्ची में रखी गयी मिट्टी की इस पारम्परिक अंगीठी का इस्तेमाल लोग खुद को गर्म रखने के लिए करते हैं। कांगड़ी की बिक्री पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई है। इस उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि ऐसा बिजली की आए दिन असमय कटौती के हो रहा है।
कांगड़ी का कारोबार करने वाले चरार-ए-शरीफ के एक निवासी गुलाम मोहम्मद ने ‘‘पीटीआई भाषा’’ से कहा‘‘ अत्याधुनिक उपकरण जैसे हीटर, जो बिजली, मिट्टी के तेल या एलपीजी को ईंधन से चलते हैं, उके आने के बाद पिछले एक दशक से हर साल कांगड़ी की बिक्री में गिरावट आ रही थी। बहरहाल, अब इन ईंधना के आसानी से उपलब्ध न होने के कारण लोगों ने फिर से कांगड़ी खरीदनी शुरू कर दी है।’’ श्रीनगर सहित कश्मीर के कई इलाकों में प्रति दिन छह से 12 घंटे बिजली कटौती हो रही है और प्रति वर्ष हर घर में सब्सिडी वाले केवल 12 सिलेंडर ही दिए जाते हैं। मोहम्मद ने कहा कि उपरोक्त कारणों के चलते भी कांगड़ी की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है।