Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 09:29 AM
आमतौर पर देश में लोगों का मानना है कि सम्पत्ति में निवेश केवल उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिनका करियर स्थापित हो चुका है और उनके पास फंड्स की कमी भी न हो। हालांकि, यह सोच सही नहीं है। वेतनभोगी अथवा युवा उद्यमी भी वित्तीय संस्थानों की मदद से सम्पत्ति...
जालंधरः आमतौर पर देश में लोगों का मानना है कि सम्पत्ति में निवेश केवल उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिनका करियर स्थापित हो चुका है और उनके पास फंड्स की कमी भी न हो। हालांकि, यह सोच सही नहीं है। वेतनभोगी अथवा युवा उद्यमी भी वित्तीय संस्थानों की मदद से सम्पत्ति खरीद सकते हैं।
यह भी सच है कि बैंक अथवा वित्तीय संस्थान कुछ शर्तों की पूर्ति होने पर ही होम लोन देते हैं। जैसे कि रिटायरमैंट के करीब पहुंच चुके लोगों को आमतौर पर बैंक लम्बी अवधि का होम लोन देने से हिचकते हैं क्योंकि इसमें लोन की वापसी में जोखिम ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऋण देने की योग्यता तय करने के मापदंडों में व्यक्ति की आयु महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यहां आपको बता रहे हैं कि किसी उम्र में अपना मकान खरीदने अथवा निवेश के मकसद से सम्पत्ति खरीदने की कोशिश शुरू कर देनी चाहिए।
सक्रिय पेशेवर आयु आमतौर पर 60 की उम्र में खत्म हो जाती है। ऐसे में 30 की उम्र पार करने वाले व्यक्ति के पास रिटायर होने तक 30 वर्ष का वक्त होता है। इस अवधि के दौरान उनके पास सम्पत्तियां खरीदने या उनमें निवेश के लिए पर्याप्त समय होता है। 40 की उम्र पार करने वालों के पास भी कमाई करने के लिए 20 वर्ष होते हैं। ऐसे में वे भी सम्पत्ति में निवेश कर सकते हैं। वैसे भी सम्पत्ति से होने वाला मुनाफा वक्त के साथ बढ़ता जाता है। ऐसे में जितनी जल्दी व्यक्ति निवेश करता है, उतना ही ज्यादा उसका मुनाफा हो सकता है। आमतौर पर माना जाता है कि व्यक्ति के पास होम लोन अदा करने के लिए 25 से 30 वर्ष का समय होना चाहिए।