चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में तीन प्रतिशत गिरावट का अनुमान: बोफा

Edited By PTI News Agency,Updated: 09 Jul, 2020 05:52 PM

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मुंबई, नौ जुलाई (भाषा) कोरोना वायरस महामारी की मार से चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीन प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बोफा सिक्योरिटीज ने यह अनुमान लगाया है।

मुंबई, नौ जुलाई (भाषा) कोरोना वायरस महामारी की मार से चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीन प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बोफा सिक्योरिटीज ने यह अनुमान लगाया है।
बोफा सिक्योरिटीज ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसका यह अनुमान इस बात पर आधारित है कि अगले महीने से अर्थव्यवस्था पूरी तरह खुल जाएगी।
बोफा ने कहा कि रिजर्व बैंक मुक्त बाजार परिचालन के जरिये 95 अरब डॉलर तक के सरकारी बांड की खरीद के जरिये राजकोषीय घाटे का मौद्रिकरण करेगा। इसके अलावा उसके 127 अरब डॉलर के पुनर्मूल्यांकन आरक्षित कोष का इस्तेमाल भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुन: पूंजीकरण के लिए किया जा सकता है।
कोरोना वायरस महामारी की वजह से अर्थशास्त्री चालू वित्त वर्ष के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के वृद्धि अनुमान में बड़ी कटौती कर रही है। रिजर्व बैंक और अर्थव्यवस्था की निगरानी करने वाले अन्य निकायों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट आएगी। कुछ अनुमानों में तो कहा गया है कि भारत की जीडीपी सात प्रतिशत तक घट सकती है।

बोफा सिक्योरटीज का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तीन प्रतिशत की गिरावट आएगी। उसका यह अनुमान इस आकलन पर आधारित है कि अगस्त मध्य तक अर्थव्यवस्था पूरी तरह खुल जाएगी। ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि यदि यह संकट लंबा खिंचता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की गिरावट आएगी।
बोफा सिक्योरिटीज के भारत में अर्थशास्त्री इंद्रानिल सेन गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा कि उनका यह अनुमान अधिक आशावादी है। कोविड-19 के प्रभाव को लेकर यह अनुमान अन्य की तुलना में भिन्न है। उन्होंने इस महामारी को स्वास्थ्य की आपात स्थिति बताते हुए कहा कि कोई भी इसके लेकर अभी सही अनुमान नहीं लगा सकता।
उन्होंने कहा कि अप्रैल और मई में सख्त लॉकडाउन की वजह से वार्षिक जीडीपी पर तीन प्रतिशत अंक का असर पड़ेगा। इसके अलावा अर्थव्यवस्था अभी सीमित ही खुल पाई है, तो इसका मासिक प्रभाव हर महीने एक प्रतिशत अंक का रहेगा। बीते वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत रही। यह इसका करीब एक दशक का निचला स्तर है।


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