सुधा भारद्वाज बृहस्पतिवार को रिहा होंगी, एनआईए अदालत ने सख्त जमानत शर्तें लगाई

Edited By PTI News Agency,Updated: 09 Dec, 2021 09:51 AM

pti maharashtra story

मुंबई, आठ दिसंबर (भाषा) विशेष एनआईए अदालत ने यहां बुधवार को कहा कि वकील-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को 50,000 रुपये के मुचलके पर जेल से रिहा किया जाएगा। हालांकि अदालत ने उनपर सख्त जमानत शर्तें भी थोपी हैं, जिनमें बगैर अनुमति मुंबई न छोड़ना और...

मुंबई, आठ दिसंबर (भाषा) विशेष एनआईए अदालत ने यहां बुधवार को कहा कि वकील-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को 50,000 रुपये के मुचलके पर जेल से रिहा किया जाएगा। हालांकि अदालत ने उनपर सख्त जमानत शर्तें भी थोपी हैं, जिनमें बगैर अनुमति मुंबई न छोड़ना और पासपोर्ट जमा कराना शामिल है।

भारद्वाज को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में बंबई उच्च न्यायालय से तकनीकी खामी के आधार पर डिफॉल्ट (स्वत:) जमानत मिली है।
अदालत ने भारद्वाज को उस तरह की किसी गतिविधि में शामिल न होने की हिदायत भी दी है जिसके आधार पर उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैर-कानूनी गतिविधि निवारण कानून (यूएपीए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
पिछले तीन साल में जेल में बंद भारद्वाज फिलहाल मुंबई की भायखला जेल में बंद हैं। उनके वकील ने बताया कि उनकी रिहाई अब बृहस्पतिवार को ही संभव हो सकेगी, क्योंकि आज (बुधवार) शाम पांच बजे तक जमानत की औपचारिकताएं पूरी नहीं हो सकी थीं।

शीर्ष अदालत ने भारद्वाज को जमानत पर रिहा किये जाने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के फेसले को चुनौती देने वाली एनआईए की अपील मंगलवार को खारिज कर दी थी।
बंबई उच्च न्यायालय ने एक दिसंबर को भारद्वाज को तकनीकी खामी के आधार पर जमानत प्रदान कर दी थी और विशेष एनआईए अदालत को उनकी जमानत की शर्तों और रिहाई की तारीख पर फैसला लेने का निर्देश दिया था।

इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता को बुधवार को विशेष न्यायाधीश डी ई कोठलिकर के समक्ष पेश किया गया। आज सुनवाई के दौरान भारद्वाज के वकील युग चौधरी ने कम जमानत राशि पर जोर दिया और कहा कि उनकी मुवक्किल फरार नहीं होंगी।
चौधरी ने अदालत से अनुरोध किया कि उनकी मुवक्किल छत्तीसगढ़ में वकील हैं, इसलिए उन्हें मुंबई से वहां जाने की अनुमति दी जाए, लेकिन विशेष अदालत ने कहा कि अभियुक्त उनकी अनुमति के बिना शहर नहीं छोड़ सकती हैं। वह इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में ही रहेंगी।

भारद्वाज को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के प्रावधानों के तहत अगस्त 2018 में एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार किया गया था।
भारद्वाज मामले में उन 16 कार्यकर्ताओं और विद्वानों में पहली आरोपी हैं जिन्हें तकनीकी खामी के आधार पर जमानत दी गयी है।

यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे के शनिवारवाड़ा में एल्गार परिषद की संगोष्ठी में भड़काऊ भाषण देने से जुडा है। पुलिस का दावा है कि इसके अगले दिन पुणे के बाहरी इलाके कोरेगांव-भीमा में भाषण की वजह से हिंसा भड़की। पुलिस का यह भी दावा है कि इस संगोष्ठी को माओवादियों का समर्थन हासिल था। बाद में इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!