महाराष्ट्र विस अध्यक्ष ने शिवसेना के अजय चौधरी को विधायक दल के नेता पद से हटाया

Edited By Updated: 04 Jul, 2022 12:54 AM

pti maharashtra story

मुंबई, तीन जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे सरकार के बहुमत परीक्षण से एक दिन पहले उद्धव ठाकरे धड़े को बड़ा झटका देते हुए रविवार रात को महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष ने शिवसेना विधायक अजय चौधरी को पार्टी विधायक दल के...

मुंबई, तीन जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे सरकार के बहुमत परीक्षण से एक दिन पहले उद्धव ठाकरे धड़े को बड़ा झटका देते हुए रविवार रात को महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष ने शिवसेना विधायक अजय चौधरी को पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटा दिया।

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के कार्यालय द्वारा जारी पत्र में शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया गया और ठाकरे गुट से संबंधित सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे खेमे के भरत गोगावले को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त किया गया।

इस बीच, शिवसेना ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी।

शिवसेना के बागी विधायक और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को संबोधित पत्र में कहा गया है कि महाराष्ट्र विधान भवन प्रशासन को उनके धड़े से 22 जून को एक पत्र मिला था, जिसमें पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता पद से हटाने पर आपत्ति जताई गई थी।

नार्वेकर के कार्यालय द्वारा रविवार रात जारी पत्र में कहा गया है कि मामले की वैधता पर चर्चा करने के बाद, विधानसभा अध्यक्ष ने पार्टी विधायक दल के नेता के रूप में शिवसेना विधायक अजय चौधरी की नियुक्ति को खारिज कर दिया।

पत्र की एक प्रति पीटीआई-भाषा के पास है।
यह घटनाक्रम 16 विधायक वाले उद्धव ठाकरे गुट के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वे सोमवार को होने वाले विश्वास मत के लिए गोगावले द्वारा जारी किए जाने वाले व्हिप से बंधे होंगे।

अगर ये 16 विधायक व्हिप का पालन करने से इनकार करते हैं, तो उन्हें अयोग्यता का सामना करना पड़ सकता है।
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि वे इस ‘‘असंवैधानिक’’ फैसले को अदालत में चुनौती देंगे।

सावंत ने कहा, ‘‘लोकसभा के पूर्व महासचिव पी.डी.टी. अचारी ने व्यवस्था दी है कि पार्टी नेता (प्रमुख) को उस पार्टी के विधायक दल के नेता को नियुक्त करने का अधिकार है। आप कैसे कह सकते हैं कि वह (एकनाथ शिंदे) पार्टी के (विधायक दल) के नेता हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। निर्णय रविवार देर रात को लिया जाता है जो दर्शाता है कि यह फैसला किस तरह लिया गया।’’
सावंत ने आरोप लगाया कि निर्णय संविधान और लोकतांत्रिक मानदंडों को रौंदने के बराबर है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा निरंकुशता की ओर बढ़ रही है।’’
विधायक दल के नेता पद से हटाए गए अजय चौधरी ने कहा कि नए विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों पक्षों की आपत्तियों पर कोई सुनवाई तक नहीं की।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मेरा नाम शिवसेना के विधायक दल के नेता पद के लिए प्रस्तावित किया गया था, तो उस पर शिवसेना विधायक दादा भुसे और संजय राठौड़ ने हस्ताक्षर किए थे। वे दोनों बाद में शिंदे खेमे में शामिल हो गए। विधानसभा अध्यक्ष इन तथ्यों की अनदेखी कैसे कर सकते हैं?’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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