नए डिजिटल ऋण मानदंडों से अधिक जिम्मेदार बनने में मदद मिलेगी: उद्योग

Edited By PTI News Agency,Updated: 11 Aug, 2022 07:36 PM

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मुंबई, 11 अगस्त (भाषा) डिजिटल ऋण उद्योग ने कहा है कि नए डिजिटल ऋण मानदंडों से उन्हें अधिक जिम्मेदार बनने में मदद मिलेगी। ऐप आधारित कर्ज सुविधाएं प्रदान करने वाली कंपनियां भी इसमें आती हैं।

मुंबई, 11 अगस्त (भाषा) डिजिटल ऋण उद्योग ने कहा है कि नए डिजिटल ऋण मानदंडों से उन्हें अधिक जिम्मेदार बनने में मदद मिलेगी। ऐप आधारित कर्ज सुविधाएं प्रदान करने वाली कंपनियां भी इसमें आती हैं।
रिजर्व बैंक द्वारा जारी इन नियमों का स्वागत करते हुए उद्योग ने कहा कि यह कदम क्षेत्र की वृद्धि में मदद करेगा।

रिजर्व बैंक ने बुधवार को डिजिटल ऋण देने के लिए सख्त मानदंड जारी किए थे। इसके तहत केंद्रीय बैंक ने कहा था कि डिजिटल ऋण सीधे कर्ज लेने वालों के बैंक खातों में जमा किया जाना चाहिए, न कि किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से। केंद्रीय बैंक ने डिजिटल कर्ज के क्षेत्र में बढ़ती गड़बड़ी को रोकने के लिए ये सख्त मानदंड तैयार किए हैं।

रिजर्व बैंक ने डिजिटल ऋण के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी करते हुए मुख्य रूप से तीसरे पक्ष के बेलगाम जुड़ाव, गलत बिक्री, डेटा गोपनीयता का उल्लंघन, अनुचित व्यावसायिक आचरण, अत्यधिक ब्याज दरों और अनैतिक वसूली प्रथाओं से संबंधित चिंताओं का उल्लेख किया।

डिजिटल लेंडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डीएलएआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उद्योग नए नियमों से बहुत उत्साहित है।

डीएलएआई ने कहा कि आरबीआई ने वित्तीय प्रणाली की अखंडता और स्थिरता सुनिश्चित करने के साथ ही वित्तीय नवाचार की जरूरतों को अच्छी तरह संतुलित किया है।
संघ ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने एक बारीक खाका दिया है, जो डिजिटल ऋण पारिस्थितिकी तंत्र को जिम्मेदारी के साथ और टिकाऊ रूप से विकसित होने में मदद करेगा।
जस्टमनी के लिजी चैपमैन ने कहा कि ये दिशानिर्देश ग्राहकों और फिनटेक कंपनियों, दोनों के लिए बेहद सकारात्मक हैं। चैपमैन डीएलएआई के अध्यक्ष भी हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि वह कारोबार बढ़ाने के लिए किसी खामी का फायदा उठाने की इजाजत नहीं देगा। कुल मिलाकर, सिफारिशें गंभीर और विश्वसनीय फिनटेक कंपनियों के लिए अच्छी हैं।
कोटक सिक्योरिटीज ने एक टिप्पणी में कहा कि नए दिशानिर्देश मौजूदा कंपनियों के लिए थोड़े प्रतिबंधात्मक लगते हैं, क्योंकि इनमें विनियमित संस्थाओं के लिए पारदर्शिता, गोपनीयता और निगरानी पर अधिक जोर दिया गया है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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