छोड़ना चाहते हैं दवाईयों का साथ, अपनाएं कभी न असफल होने वाली मंत्र चिकित्सा

Edited By ,Updated: 13 May, 2016 08:25 AM

medicines mantra

हमारे वैदिक मंत्र, इतने शक्तिशाली व प्रभावी हैं कि रोगी को मृत्यु के मुख से निकाल सकते हैं। मंत्र विद्या हिंदू धर्म की महान खोज हैं। मंत्रों का प्रयोग विश्व में सभी

हमारे वैदिक मंत्र,  इतने शक्तिशाली व प्रभावी हैं कि रोगी को मृत्यु के मुख से निकाल सकते हैं। मंत्र विद्या हिंदू धर्म की महान खोज हैं। मंत्रों का प्रयोग विश्व में सभी सम्प्रदाय के लोग प्रारंभ कर चुके हैं। यह संसार जगत दो भागों में बंटा है एक स्थूल और दूसरा सूक्ष्म है। स्थूल हम उसे कहते हैं जो हम नेत्रों से देखते हैं जो स्थान भी घेरता है और उसका वजन भी होता है। स्थूल की शक्ति सीमित होती है। सूक्ष्म की शक्ति असीम होती है। ध्यान दें कि यह स्थूल शरीर सूक्ष्म के कारण ही चलता है, देखता है, बोलता है, भागता है जैसे ही इस  शरीर से सूक्ष्म (न दिखने वाला) चला जाता है सारे क्रिया-कलाप समाप्त हो जाते हैं। यह हजारों पर रौब गालिब करने वाला शरीर सडऩे लगता है। आदमी तो दूर यह एक चींटी का भी कुछ नहीं बिगाड़ पाता।

 
जैसे पानी से अधिक शक्ति उसके भाप में होती है। उस वाष्प से कितने बड़े-बड़े उद्योग कारखाने चलते हैं। इस पंच तत्व का सबसे सूक्ष्म तत्व आकाश होता है और वह परम शक्तिशाली तत्व है और हमारे मंत्रों का आकाश तत्व से संबंध होता है, मंत्र आकाश तत्व से परम निकट संबंध रखते हैं शब्द (मंत्र) का कार्य शरीर स्थित शक्ति केंद्रों को चैतन्य करना है।
 
‘खं’ बीज से लीवर के रोगी हैपेटाइटिस (बी) और ब्रोन्काइटिस के रोगी ठीक होते हैं। श्रीं, क्लीं, ह्रीं, हुं, फट् प्रत्येक को एकाक्षरी मंत्र कहा जाता है।
 
एकाक्षरी मंत्र बहुत ही शक्तिशाली होते हैं। इनका प्रयोग कैसे किया जाए यह महत्वपूर्ण है। मंत्र का लघु (छोटा) होना महत्वपूर्ण है जैसे अणु कितना छोटा है और चमत्कार कितना है। विदेशों में मुख्य रूप से अमेरिका के ओहियो विश्वविद्यालय में मंत्र विज्ञान पर शोध कर यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ है कि हनुमान चालीसा और सामवेद के मंत्रों से कैंसर की कोशिकाओं की वृद्धि में कमी हुई, यहां की मंत्र चिकित्सा सेवा में कई हजार लोगों का क्लिनिकल परीक्षण हुआ। जिसमें अस्थमा 70 प्रतिशत, स्त्री रोग 65 प्रतिशत, चिंता त्वचा रोग़ पर 60 प्रतिशत, ब्लडप्रैशर हाइपरटैंशन 55 प्रतिशत, आर्थराइटिस और अनेकों कठिन रोगों पर परीक्षण हुआ जिसमें सुधार हुआ।
 
वैज्ञानिक कह रहे हैं कि जब कोयल गाती है तो उसमें 500 प्रकार का प्रकंपन होता है और हम कुछ भी अपने मुंह से बोलते हैं तो 175 प्रकार का स्पंदन होता है। नवार्ण मंत्र ‘‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’’ यह मंत्र शुद्ध स्वर में उच्चारण करने से तो सभी प्रकार के पीड़ा रोगों का हरण होता है। सभी रोगों का मुख्य कारण तनाव है जो मंत्रों से समाप्त होता है। 
 
—योगिराज श्रीरमेशजी

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!