चुनौतियों को स्वीकारना है पसंद तो स्पैशल एजुकेटर के रूप में करें करियर की शुरुवात

Edited By ,Updated: 12 Aug, 2015 11:57 AM

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यदि आप भी उन लोगों में से एक हैं जिन्हें बच्चों से गहरा लगाव है, नर्म दिल हैं और चुनौतियों को स्वीकारना भी पसंद है तो स्पैशल एजुकेटर के रूप में करियर आपके लिए एक उम्दा विकल्प है....

यदि आप भी उन लोगों में से एक हैं जिन्हें बच्चों से गहरा लगाव है, नर्म दिल हैं और चुनौतियों को स्वीकारना भी पसंद है तो स्पैशल एजुकेटर के रूप में करियर आपके लिए एक उम्दा विकल्प है । 

कार्यक्षेत्र 
स्पैशल एजुकेटर वे प्रशिक्षक होते हैं जो अपाहिज अथवा मंदबुद्धि बच्चों को प्रशिक्षित करने तथा पढ़ाने के कार्य करने में दक्ष होते हैं ।

सम्भावनाएं
हालांकि इनकी संख्या बढऩे लगी है, भारत में अभी भी खास जरूरतों वाले बच्चों के लिए स्कूलों तथा एजुकेटर्स की भी भारी कमी है । ऐसे में आने वाले वक्त में इस क्षेत्र में रोजगार के नए मौके उभरने के पर्याप्त अवसर हैं । 

योग्यता
इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्रों को 12 कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात विकलांगता से संबंधित किसी भी वर्ग में दो वर्षीय डी.एड इन स्पैशल एजुकेशन करना चाहिए ।

पारिश्रमिक
आमतौर पर स्पैशल एजुकेटर किसी आम प्राथमिक शिक्षक जितना पारिश्रमिक प्राप्त करते हैं जो कि करीब 22 से 25 हजार रुपए प्रतिमाह होता है। ट्रेन्ड ग्रैजुएट टीचर का पारिश्रमिक 30 हजार रुपए तक होता है ।

संस्थान
अमर ज्योति रिहैब्लिटेशन एंड रिसर्च सैंटर, नई दिल्ली
www.amarjyotirehab.org
वाई.एम.सी.ए. इंस्टीच्यूट फॉर स्पैशल एजुकेशन, नई दिल्ली
www.newdelhiymca.in 
जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
www.jmi.ac.in/aboutjamia 

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