महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश और बिजली गिरने से 13 लोगों की मौत, अगले 24 घंटों में ‘बेहद भारी वर्षा’ होने की आशंका

Edited By Anu Malhotra,Updated: 29 Sep, 2021 09:32 AM

13 people in maharashtra more than 560 people rescued

महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से हालात अस्त-व्यस्त हो गए हैं। बता दें कि  महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में मूसलाधार बारिश, बाढ और बिजली गिरने की घटनाओं में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई, वहीं NDRF की टीमों ने 560 से ज्यादा लोगों...

औरंगाबाद-  महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से हालात अस्त-व्यस्त हो गए हैं। बता दें कि  महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में मूसलाधार बारिश, बाढ और बिजली गिरने की घटनाओं में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई, वहीं NDRF की टीमों ने 560 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचाया। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि रविवार और सोमवार को हुई बारिश की वजह से दो सौ से ज्यादा पशु बह गए और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए।

अगले 24 घंटों में ‘बेहद भारी वर्षा’ होने की आशंका 
 भारत मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान में मराठवाड़ा, मुंबई और राज्य के तटवर्ती कोंकण क्षेत्र में अगले 24 घंटों में ‘बेहद भारी वर्षा’ होने की आशंका है। मराठवाड़ा मध्य महाराष्ट्र का इलाका है जहां बारिश ने भयंकर तबाही मचायी है। यहां के आठ जिले औरंगाबाद, लातूर, उस्मानाबाद, परभणी, नांदेड, बीड, जालना और हिंगोली में भारी तबाही हुई है।

 बाढ़ के पानी में डूबे पुल को पार करते समय एक व्यक्ति की हुई मौत
अधिकारियों के अनुसार,  यवतमाल जिले में मंगलवार को सुबह राज्य परिवहन की एक बस के बाढ़ के पानी में डूबे पुल को पार करते समय बह जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य लापता हो गए। अधिकारी ने कहा कि घटना उमरखेड़ तहसील के दहागांव पुल पर सुबह करीब आठ बजे हुई। घटना के वक्त महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की सेमी लग्जरी बस नागपुर से नांदेड़ जा रही थी।

अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने मंगलवार तड़के मंजारा बांध के सभी 18 और मजलगांव बांध के 11 गेट खोल दिए, जिससे उनमें से क्रमश: 78,397 क्यूसेक और 80,534 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले दो दिन तक राज्य के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका जताई है। मराठवाड़ा में आठ जिले आते हैं- औरंगाबाद, लातूर, उस्मानाबाद, परभणी, नांदेड़, बीड, जालना और हिंगोली।

कई बांधों के गेट खोले गए
संभागीय आयुक्त के कार्यालय की ओर से बताया गया कि इन आठ जिलों के 180 सर्कल में 65 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई। बारिश के कारण पानी निकालने के लिए कई बांधों के गेट खोले गए जिससे बीड और लातूर जिले में मांजरा नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ आ गई। आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि पिछले 48 घंटे में क्षेत्र के छह जिलों में 10 लोगों की मौत हो गई। बीड में तीन, उस्मानाबाद और परभणी में दो-दो तथा जालना, नांदेड़ और लातूर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।

बारिश के कारण दो सौ से ज्यादा पशु मर गए
पिछले दो दिन से हो रही बारिश के कारण दो सौ से ज्यादा पशु मर गए और 28 घर क्षतिग्रस्त हो गए। बारिश और बाढ़ की वजह से आठ जिलों के इस इलाके में कई एकड़ में फसल बर्बाद हो गई है। जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने बीड जिले में संवाददाताओं से कहा, “कल से जल संसाधन विभाग स्थिति पर नजदीक से निगरानी रखे है और हम क्षति को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।”

महाराष्ट्र के लातूर में भारी बारिश के कारण बैराज, गांवों और एक नदी के किनारे फंसे लोगों को बचाने के लिए मंगलवार को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक टीम, एक हेलीकॉप्टर और नावों को तैनात किया गया।

नदी के तट पर फंसे 40 में से 25 लोगों को नाव की सहायता से निकाला गया
एक अधिकारी ने बताया कि सरसा गांव में मांजरा नदी के तट पर फंसे 40 में से 25 लोगों को नाव की सहायता से निकाला गया है और बाकी 15 को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेनापुर तहसील के डिगोल देशमुख क्षेत्र में नदी में फंसे तीन लोगों को निकाला गया है।

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