'सोशल मीडिया पर काम की आलोचना की तो होगा एक्शन', जम्मू-कश्मीर में कर्मचारियों को सरकार की गाइडलाइन

Edited By Updated: 24 Mar, 2023 11:08 PM

action will be taken if work is criticized on social media

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए। दिशा-निर्देशों के अनुसार कोई भी कर्मचारी किसी भी पोस्ट, ट्वीट या अन्य माध्यम से सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा अपनाई गई...

जम्मूः जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए। दिशा-निर्देशों के अनुसार कोई भी कर्मचारी किसी भी पोस्ट, ट्वीट या अन्य माध्यम से सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा अपनाई गई किसी नीति या की गई कारर्वाई पर चर्चा या आलोचना नहीं करेगा, न ही वह किसी भी तरीके से ऐसी किसी चर्चा में सोशल मीडिया पेज समुदायों/माइक्रो-ब्लॉग पर भाग लेगा/लेगी। 

सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया, 'कोई भी कर्मचारी ऐसी सामग्री को पोस्ट, ट्वीट या किसी अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर ऐसे सामग्री साझा नहीं करेगा, जो प्रकृति में राजनीतिक या धर्मनिरपेक्ष और सांप्रदायिक है। 'इसमें आगे कहा गया है कि कोई भी कर्मचारी स्वयं या किसी व्यक्ति के माध्यम से या उसकी देखरेख या नियंत्रण में सोशल मीडिया पर ऐसी कोई गतिविधि नहीं करेगा, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र या प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित कानून के खिलाफ हो। 

कर्मचारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सोशल मीडिया पर ऐसे किसी भी जानकारी को प्रकाशित, पोस्ट या जारी नहीं करेंगे, जिसे गोपनीय माना जाता है या जो सार्वजनिक प्रसार के लिए नहीं है। आदेश में कहा गया, 'कर्मचारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे किसी भी आधिकारिक दस्तावेज को नहीं देंगे या उसका कोई भी हिस्सा किसी कर्मचारी या किसी ऐसे व्यक्ति को जिसे वह इस तरह के दस्तावेज़ या जानकारी को संप्रेषित करने के लिए अधिकृत नहीं है।' 

दिशानिर्देश कर्मचारियों को अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से सरकार की नीति का बचाव करने और जनता को समझाने की अनुमति दी गयी है। इसमें कहा गया है, 'एक कर्मचारी, गलतफहमियों को दूर करने, गलत बयानों को ठीक करने और देशद्रोही प्रचार का खंडन करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट और ट्वीट्स में सरकार की नीति का बचाव कर सकता है और जनता को समझा सकता है।' 

आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट, सहकर्मियों या व्यक्तियों के बारे में ऐसी कोई सामग्री या टिप्पणी, जो अश्लील, अश्लील, धमकी देने वाली, डराने वाली हो या जो कर्मचारियों के आचरण नियमों का उल्लंघन करती हो को पोस्ट न करें। कर्मचारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे अपने कार्यस्थल से संबंधित शिकायतों को सोशल मीडिया पर वीडियो, पोस्ट, ट्वीट या ब्लॉग या किसी अन्य रूप में पोस्ट नहीं करेंगे, बल्कि विभागों में मौजूद शिकायत निवारण के पहले से स्थापित चैनलों का पालन करेंगे। 

सरकार ने कहा कि इन दिशानिर्देशों/नियमों का उल्लंघन कदाचार के समान होगा और संबंधित नियमों के तहत दोषी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कारर्वाई की जाएगी। सरकार ने कहा, 'सभी प्रशासनिक सचिव, उपायुक्त, विभागाध्यक्ष, प्रबंध निदेशक अपने विभागों/कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ प्रासंगिक अनुशासनात्मक ढांचे के संदर्भ में दिशा-निर्देशों और नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर तुरंत कारर्वाई करेंगे।'

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