Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Dec, 2018 12:18 PM
गुजरात में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से इस्तीफा मांगने को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण अडवानी के बीच मतभेद थे।
नई दिल्ली: गुजरात में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से इस्तीफा मांगने को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण अडवानी के बीच मतभेद थे। अडवानी ने अपने एक ताजा लेख में यह बात कही है। अडवानी ने ‘साहित्य अमृत’ पत्रिका के अटल स्मृति अंक में अपने लेख ‘एक कवि हृदय राजनेता’ में ऐसे 2 उदाहरण दिए हैं जब अटल जी और उनके बीच मतभेद उत्पन्न हुए थे। एक विषय तब का है जब फरवरी 2002 में गोधरा कार सेवकों से जुड़ी घटना के बाद गुजरात में साम्प्रदायिक हिंसा भड़की थी।
इस घटना के कारण विरोधी पार्टियों ने मोदी के त्याग पत्र की मांग कर दी। अटल बिहारी वाजपेयी से अपनी घनिष्ठ मित्रता का उल्लेख करते हुए अडवानी ने अपने लेख में कहा कि भाजपा और सत्तारूढ़ राजग में कुछ लोग सोचने लगे कि मोदी को पद छोड़ देना चाहिए, फिर भी इस विषय पर मेरा विचार बिल्कुल अलग था। अडवानी ने लिखा, ‘‘मेरी राय में मोदी अपराधी नहीं थे बल्कि वे स्वयं राजनीति के शिकार हो गए थे। इसलिए मैंने अनुभव किया कि एक वर्ष से भी कम समय पहले मुख्यमंत्री बने नरेंद्र मोदी को जटिल साम्प्रदायिक स्थिति का शिकार बनाना अन्यायपूर्ण होगा।