Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Mar, 2020 11:46 AM
कोरोना वायरस के चलते जान गंवाने वाली दिल्ली की 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के दौरान उनके परिवार को काफी परेशानी से गुजरना पड़ा। इतना ही नहीं परिजन शव को कंधा भी नहीं दे पाए। महिला का शव करीब अढ़ाई घंटे तक निगम बोध घाट पर रखा रहा। शव के...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते जान गंवाने वाली दिल्ली की 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के दौरान उनके परिवार को काफी परेशानी से गुजरना पड़ा। इतना ही नहीं परिजन शव को कंधा भी नहीं दे पाए। महिला का शव करीब अढ़ाई घंटे तक निगम बोध घाट पर रखा रहा। शव के अंतिम संस्कार के लिए परिवार को इजाजत नहीं दी गई। दुखी और परेशान परिवार वाले रोते रहे, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई नहीं आया। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना से मौत होने पर शव के संस्कार के बारे में कोई गाइडलाइन सरकार की तरफ से नहीं आई थी।
मृतक महिला के परिवार वालों की ओर से काफी मशक्कत के बाद और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के हस्तक्षेप से महिला का अंतिम संस्कार हो पाया। केंद्रीय मंत्री के निर्देश पर RML अस्पताल से डाक्टर निगम बोध घाट पहुंचे। उनके कहने पर घाट प्रशासन अंतिम संस्कार करवाने के लिए राजी हुआ। अंतिम संस्कार की मदद से किया गया।
संक्रमित व्यक्ति के शव से नहीं फैलता कोरोना
क्या कोरोना पीड़ित के शव से भी संक्रमण हो सकता है? इसका जवाब है नहीं। प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी AIIMS के डॉक्टर बताते हैं कि कोरोना खांसने या छींकने से फैलता है न कि मृतक के शव से।