Edited By Yaspal,Updated: 25 May, 2019 07:30 PM
संसद भवन के सेंट्रल हॉल की वो तस्वीरें तो आपको याद होंगी, जब नरेंद्र मोदी भाजपा के जीत के बाद संसदीय दल के नेता चुने गए थे। वह संसद की दहलीज पर माथा टेकते और नम आंखों और रुंधे गले से पार्टी के पितृपुरुषों को शुक्रिया अदा...
नेशनल डेस्कः संसद भवन के सेंट्रल हॉल की वो तस्वीरें तो आपको याद होंगी, जब नरेंद्र मोदी भाजपा के जीत के बाद संसदीय दल के नेता चुने गए थे। वह संसद की दहलीज पर माथा टेकते और नम आंखों और रुंधे गले से पार्टी के पितृपुरुषों को शुक्रिया अदा करते हुए दिखे थे। मोदी ने उस वक्त कहा था, “मैं आप सबका बहुत आभारी हूं। मैं विशेष रूप से आडवाणी जी और राजनाथ जी का आभारी हूं। अटल जी का स्वास्थ्य अच्छा होता और वह यहां होते तो सोने पर सुहागा होता।
यह वक्त था, जब केंद्र में पहली बार भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ आई थी। मोदी लहर के चलते पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली थी। साल 2019 में एक बार फिर वह क्षण आया, जब मोदी को भाजपा के सभी घटक दलों ने सर्वसम्मति से नेता चुना, मोदी फिर से संसकद भवन के सेंट्रल हॉल में आए, लेकि इस बार वो रूआंसे और भावुक नहीं बल्कि पहले से कई गुना ज्यादा आत्मविश्वास से लबरेज दिखे। मोदी ने कहा कि देश को समभाव और ममभाव चाहिए। देश की जनता ने फिर से भाजपा को चुनकर नए युग की शुरूआत की है। मैं पिछले पांच साल देश के साथ मिलकर चला।
दरअसल, ठीक पांच साल पहले का वह वक्त मोदी का गुजरात से दिल्ली का पहला ऐसा सफर था जब वह देश के 15वें प्रधानमंत्री बनने जा रहे थे। मोदी ने सबसे पहले अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लिया था।