LIVE-कृषि कानून पर किसानों के साथ सरकार की बैठक जारी, प्रकाश सिंह बादल ने लौटाया पद्म विभूषण

Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Dec, 2020 02:28 PM

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कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा सिंघू बॉर्डर पर डटे किसानों को मनाने के लिए सरकार आज फिर किसान संगठनों के 40 नेताओं के साथ बैठक कर रही है। वहीं बैठक से पहले किसानों ने अपनी मांगों को लेकर एक ड्राफ्ट भेजा है। जिसमें उन्होंने बताया कि है कि वे...

नेशनल डेस्क: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा सिंघू बॉर्डर पर डटे किसानों को मनाने के लिए सरकार आज फिर किसान संगठनों के 40 नेताओं के साथ बैठक कर रही है। वहीं बैठक से पहले किसानों ने अपनी मांगों को लेकर एक ड्राफ्ट भेजा है। जिसमें उन्होंने बताया कि है कि वे क्या चाहते हैं। सभी की नजरें आज पर होने वाली वार्ता पर है कि इसका क्या नतीजा निकलेगा। वहीं कृषि कानून के विरोध में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण सम्मान वापस कर दिया है। अकाली दल के नेता रहे सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी अपना पद्म भूषण सम्मान लौटाने की बात कही है। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को सरकार और किसानों के बीच वार्ता हुई थी लेकिन यह बेनतीजा रही थी। किसानों के आंदोलन का आज 8वां दिन है। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं।  किसानों आंदोलन से जुड़े हर अपडेट को जानने के लिए जुड़े रहे punjabkesari.in के साथ....

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LIVE अपडेट्स

  • सोनीपत के डीएम ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों का कोविड टेस्ट कराया जाएगा।
  • सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों को अपना समर्थन देने के लिए गुजरात के किसान भी पहुंच गए हैं।
  • किसानों का गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन, NH-24 को जाम किया।
  • किसान संगठनों की ओर से केंद्र सरकार को कृषि कानून के खिलाफ आपत्तियों की लिस्ट सौंप दी गई है। किसानों ने कृषि कानून के साथ-साथ वायु गुणवत्ता अध्यादेश और प्रस्तावित बिजली (संशोधन) बिल को लेकर भी आपत्तियां बताई जताई हैं।

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शाह से मिले कैप्टन अमरिंदर सिंह 
किसानों के आंदोलन के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। कैप्टन ने शाह से कहा कि जल्द से जल्द किसानों की समस्या का हल निकाला जाना चाहिए। कैप्टन ने कहा कि किसानों के आंदोलन से अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है।

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किसानों की विशेष सत्र बुलाने की मांग
आंदोलन कर रहे किसानों ने मांग की कि केंद्र नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र आहूत करे और अगर मांगें नहीं मानी गईं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा। अपने ‘दिल्ली चलो' मार्च के तहत किसान अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के चार व्यस्त सीमा मार्गों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन स्थानों पर पुलिस का भारी बंदोबस्त किया गया है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे 35 किसान संगठनों के नेताओं ने सिंघू बोर्डर पर बैठक की जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भाग लिया। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र को संसद का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए। हम तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

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किसानों के समर्थन में AIMTC
दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारियों की बढ़ती तादाद के बीच ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करते हुए उत्तर भारत में 8 दिसंबर से परिचालन बंद करने की धमकी दी। AIMTC लगभग 95 लाख ट्रक ड्राइवरों और अन्य संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है।

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