नर्सरी एडमिशन - मोटी डोनेशन, नो क्राइटेरिया-एडमिशन कन्फर्म

Edited By ,Updated: 06 Jan, 2015 01:12 PM

article

नर्सरी एडमिशन की दौड़ में ऐज फैक्टर को लेकर अभिभावक सबसे ज्यादा परेशान हो रहे है। मगर यदि मोटी डोनेशन देने को तैयार हो तो ऐज का कोई क्राईटेरिया नहीं और एडमिशन भी कन्फर्म है।

नई दिल्ली : नर्सरी एडमिशन की दौड़ में ऐज फैक्टर को लेकर अभिभावक सबसे ज्यादा परेशान हो रहे है। मगर यदि मोटी डोनेशन देने को तैयार हो तो ऐज का कोई क्राईटेरिया नहीं और एडमिशन भी कन्फर्म है। सुन कर जरुर आश्चर्य होता है, मगर सच यहीं है।

कई स्कूल मोटी डोनेशन देने पर ऐज क्राईटेरिया को दरकिनार कर अपने यहां एडमिशन देने के लिए तैयार है। मालूम हो नर्सरी एडमिशन में आए दिन कोई ना कोई नया खुलासा होता ही रहता है। रजिस्ट्रेशन और एडमिशन प्रोसेस को फॉलो करने के लिए स्कूल पहुंच रहे अभिभावकों को स्कूलों द्वारा डोनेशन के सुझाव भी स्कूल की तरफ से मिल रहे हैं।

डोनेशन बाद स्कूल अभिभावकों से किसी भी क्राइटेरिया को फॉलो किए बिना एडमिशन देने की बात कर रहे है। दरअसल एडमिशन क्राइटेरिया की बात करें तो स्कूलों ने ऐज फैक्टर 3-4 साल रखा हुआ है। वहीं कई अभिभावक 4 प्लस बच्चों को एडमिशन के लिए भी स्कूलों में पहुंच रहे हैं।

जिन्हें पहले तो स्कूल क्राइटेरिया का हवाला देकर एडमिशन देने से साफ मना कर रहे हैं। मगर अभिभावकों के ज्यादा फोर्स करने पर स्कूल के डोनेशन प्रोसेस को फॉलों करने की बात अभिभावकों के सामने रख दी जाती है। सूर्यनगर निवासी सुजाता शर्मा बताती हैं की मेरे बच्चे की ऐज 4 प्लस है।

मैं इसके एडमिशन के लिए स्कूल गई, तो वहां मुझे ऐज ज्यादा बताकर नर्सरी एडमिशन ना लेने का सुझाव स्कूल प्रशासन ने दिया। वहीं पहले तो बोला की बच्चे की ऐज फस्र्ट क्लास की है इसी मेंं एडमिशन लो। नर्सरी में एडमिशन कराने की बात का दबाव देने पर स्कूल ने डोनेशन का ऑफर किया।

जिसके बाद ना तो ऐज फैक्टर की समस्या आएगी और ना ही किसी गाइडलाइन या क्राइटेरिया। सुजाता बताती हैं कि, डोनेशन के लिए 25 हजार स्कूल ने मांगे। डोनेशन की फीस के लिए हमने मना किया तो स्कूल ने बच्चा को ऐज क्राइटेरिया से बाहर है कि बात कहकर पल्ली झाड़ लिया।

इतने पैसे की मांग तो स्कूल ने तब की जबकि वह कोई ज्यादा बड़ा नाम नहीं है। एजुकेशन हेल्प डॉट इन के डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह कहते हैं कि स्कूलों की मनमानी अब शुरू होगी ही, दरअसल अभिभावकों को ऐसा करने से साफ मना करना चाहिए।

अभिभावक स्कूलों की मनमानी के आगे झुकेंगे तो ये और डिमांड करेंगे। जल्द ही निदेशालय भी कुछ रास्ता निकालने वाला है। जिसका फायदा अभिभावकों को मिलेगा। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!