Edited By ,Updated: 05 Mar, 2015 08:48 PM
भारत ने काठमांडो में हवाई अड्डे पर एक तुर्की विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद रनवे से मलबा हटाने में मदद के लिए...
नई दिल्ली: भारत ने काठमांडो में हवाई अड्डे पर एक तुर्की विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद रनवे से मलबा हटाने में मदद के लिए वायुसेना अधिकारियों की एक टीम और बचाव उपकरण सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान से भेजे हैं। सी-130 जे. ने वायुसेना के 11 कर्मियों एवं बचाव उपकरण लेकर काठमांडो हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी। वहां दुर्घटनाग्रस्त विमान का मलबा पड़ा होने के कारण रनवे की लंबाई घटकर करीब 5000 फीट ही रह गई है और इतनी कम जगह में किसी वाणिज्यिक विमान का उतरना संभव नहीं है।
वायुसेना अधिकारियों ने बताया कि सी-130 जे को इसलिए चुना गया क्योंकि वह सीमित जगह पर भी उतर सकता है। तुर्की का विमान नेपाल के इस एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर घने कोहरे के दौरान रनवे की ठीक से पहचान नहीं कर पाया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वायुसेना के कर्मी उपकरणों की मदद से दुर्घटनाग्रस्त विमान को हटाने में मदद करेंगे। वायुसेना को चार मार्च को शाम करीब सात बजे सहायता के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ था।
वायुसेना मुख्यालय के संचालन कर्मी और हिंडन की सी-130 जे इकाई हरकत में आई और देर रात तक इस संबंध में योजना पर विचार किया गया। मुम्बई से तत्काल एयर इंडिया के विमान से दुर्घटना राहत उपकरण लाए गए। तबतक पालम में वायुसेना के अधिकारियों ने इन कर्मियों की सीमाशुल्क और आव्रजन संबंधी औपचारिकताएं पूरी कीं। सीमाशुल्क और आव्रजन औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सी-130 जे. ने आज दिन में ग्यारह बजकर सात मिनट पर 7.5 टन वजन केउपकरण और एयर इंडिया के 11 तकनीकी कर्मियों के साथ उड़ान भरी। एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई।