Edited By ,Updated: 29 Mar, 2015 11:42 PM
जदयू, सपा व अन्य पार्टियों का जनता परिवार में विलय की बहुप्रतीक्षित घोषणा अगले सप्ताह हो सकती है। विलय के पूर्व अधिकांश मसले हल कर लिए गए हैं। यदि जनता परिवार फिर एकजुट होकर नई पार्टी बनाते हैं तो मोदी सरकार की मुश्किलें और ब़़ढ सकती हैं। सशक्त...
नई दिल्लीः जदयू, सपा व अन्य पार्टियों का जनता परिवार में विलय की बहुप्रतीक्षित घोषणा अगले सप्ताह हो सकती है। विलय के पूर्व अधिकांश मसले हल कर लिए गए हैं। यदि जनता परिवार फिर एकजुट होकर नई पार्टी बनाते हैं तो मोदी सरकार की मुश्किलें और ब़़ढ सकती हैं। सशक्त विपक्ष की दिशा में यह ब़़डा कदम होगा। जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने बताया कि विलय होना ही है और यह जल्द से जल्द होगा।
सूत्रों ने बताया कि इस परिवार में शामिल होने जा रही मुलायमसिंह यादव, की पार्टी सपा के संसद में सर्वाधिक सांसद हैं, इसलिए इसका अध्यक्ष पद उन्हीं को मिलेगा। लोकसभा में सपा के 5, राजद के 4, जदयू ([]एस)] व इनेलो के 2-2 सदस्य हैं। कुल मिलाकर इन दलों के लोकसभा में 15 सांसद हैं। वहीं राज्यसभा में सपा के 15, जदयू के 12 तथा इनेलो, जद (एस) और राजद के 1-1 सदस्य हैं। इस प्रकार राज्यसभा में जनता परिवार से जुड़ी पार्टियां की कुल सदस्य संख्या 30 है।
जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने बताया कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव एक-दो दिन में विलय की योजना को अंतिम रूप देंगे। इसके पूर्व वे इनेलो के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला, जदएस के प्रमुख व पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा से चर्चा करेंगे। सपा, जदयू और राजद के बीच विलय के लिए सहमति बन चुकी है। झंडे, चिन्ह व घोषणा-पत्र पर मतभेद नहीं है। त्यागी ने बताया कि एक-दो दिन में पूर्ववर्ती जनता परिवार के घटक दलों की बैठक बुलाएंगे।
उन्होंने बताया कि नई पार्टी के झंडे, चिन्ह या घोषणा-पत्र को लेकर अब कोई मतभेद नहीं है। कुछ मामूली मुद्दे हैं, जिन पर एक-दो दिन में चर्चा हो जाएगी। शुक्रवार को सपा प्रमुख की अध्यक्षता में बैठक में कुछ मुद्दों पर विचार हुआ। इसमें राजद प्रमुख लालू यादव, जदयू प्रमुख शरद यादव व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शरीक हुए।