Edited By ,Updated: 22 May, 2015 04:15 PM
अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी (आप) की प्रचंड बहुमत से दिल्ली में बनी सरकार के पहले सौ दिन पार्टी के अंदरुनी झगड़ों, मीडिया पर नियंत्रण लगाने और अधिकारों के नाम पर उपराज्यपाल के साथ छिड़ी जंग में डूब गए।
नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी (आप) की प्रचंड बहुमत से दिल्ली में बनी सरकार के पहले सौ दिन पार्टी के अंदरुनी झगड़ों, मीडिया पर नियंत्रण लगाने और अधिकारों के नाम पर उपराज्यपाल के साथ छिड़ी जंग में डूब गए। दिल्ली की जनता ने बडी उम्मीदों के साथ महज दो साल पुरानी पार्टी को ऐतिहासिक बहुमत देकर राजधानी की सत्ता सौंपी थी।
बदली-बदली सी नजर आई ‘आप’
केजरीवाल की पार्टी ने दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से 67 सीटें जीत कर कांग्रेस का पूरी तरह सफाया कर दिया था। सोलह साल से दिल्ली में सरकार बनाने के लिए प्रयासरत भारतीय जनता पार्टी मात्र तीन सीटों पर सिमट गई थी। केजरीवाल ने 14 फरवरी को ऐतिहासिक रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण किया। उनके रंग-ढंग 49 दिन वाली पुरानी सरकार के नही दिखे। पिछली बार केजरीवाल मैट्रो से शपथ ग्रहण समारोह में आएं थे लेकिन इस बार उनकी यह सादगी दूर-दूर तक नजर नहीं आई।
बिजली-पानी हुए सस्ते
इस बार मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल चुनाव के दौरान दिल्ली की जनता से किए गए 70 वादों को लेकर भी हड़बड़ी में नजर नहीं आए। हालांकि उन्होंने चुनावी वादे के तहत बीस हजार लीटर (20 किलोलीटर) मुफ्त पानी और बिजली के दरों को आधा करने के अपने वादे पर अमल किया किन्तु उनका यह फैसला राजनीति दलों के निशाने पर रहा। राजनीति दलों का आरोप था कि केजरीवाल ने चुनाव के दौरान ऐसा कभी नहीं कहा था कि जो उपभोक्ता 20 हजार लीटर से अधिक मासिक पानी करेगा उसे यह सुविधा नहीं मिलेगी। इसी प्रकार चार सौ यूनिट बिजली मासिक खर्च करने वालों को ही केवल रियायत दी गई इसे लेकर भी केजरीवाल की जम कर आलोचना हुई।
उपराज्यपाल से छिड़ी जंग
केजरीवाल के सत्ता संभालते ही विवादों का सिलसिला शुरु हो गया लेकिन उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ तबादले और नियुक्तियों को लेकर उठे विवाद ने बवाल का रूप ले लिया। यह मामला राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के दरवाजे पर पहुंचा और केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी कड़ा विरोध जताया। केजरीवाल के रवैये को लेकर नौकरशाहों में कड़ी नाराजगी रही और उनके संघ ने उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच विवाद में अधिकारियों को घसीटें जाने पर अपना एतराज दर्ज किया।