AIPMT परीक्षा में शामिल होने से पहले छात्राओं को उतारनी पड़ी नाक-कान की बाली (Watch Pics)

Edited By ,Updated: 25 Jul, 2015 08:40 PM

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सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट यानी एआईपीएमट में हिजाब (सिर कने का स्कॉर्फ) आदि पहनने की अनुमति देने संबंधी एक याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दी कि एक दिन न पहनने से धार्मिक आस्था विलुप्त नहीं हो जाएगी।

इंदौर: सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट यानी एआईपीएमट में हिजाब (सिर कने का स्कॉर्फ) आदि पहनने की अनुमति देने संबंधी एक याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दी कि एक दिन न पहनने से धार्मिक आस्था विलुप्त नहीं हो जाएगी। हाईटेक चीटिंग से रद्द हुई ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट यानी एआईपीएमटी देशभर में शनिवार को दोबारा हुई। सुप्रीम कोर्ट की कड़ी बंदिशों के बीच इंदौर में लगभग 10 हजार स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा केंद्र में जाने के पहले गाइड-लाइन के मुताबिक़ स्टूडेंट्स की कड़ाई से चेकिंग की गई। बड़े बटन के शर्त या कुर्ता पहनकर आने वाले स्टूडेंट्स को कपड़े बदलकर आने को कहा तो कई लड़कियों को एग्जाम सेंटर में जाने के पहले कान की बालियां भी खोलनी पड़ीं।
 
कोर्ट के आदेश पर सीबीएसई ने परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए कड़ी व्यवस्था की थी। सीबीएसई की गाइड-लाइन के तहत परीक्षा केंद्र के मुख्य दरवाजे पर ही विद्यार्थियों की चेकिंग की जा रही थी। स्टूडेंट्स अपने साथ प्रवेश पत्र के अलावा और कोई भी सामान अंदर नहीं ले जा सकते थे। सीबीएसई ने इस बारे में पहले ही सूचना दे दी थी। इसका उल्लंघन करने वाले स्टूडेंट्स को गार्ड ने मेन गेट पर ही रोक दिया। कुछ स्टूडेंट्स ने मौके पर ही अपनी बालियां निकालकर पैरेंट्स या दोस्तों को दे दी। इसके बाद उन्हें अंदर जाने दिया गया।
 
हाई टेक नकल होने पर की गई सख्ती-
3 मई 2015 को हुई एआईपीएमटी में हाई टेक नकल का मामला उजागर हुआ था। रोहतक पुलिस ने आरोपियों से मोबाइल, माइक्रोचिप लगे अंडरगारमेंट जब्त किए थे। मोबाइल में पेपर की आन्सर-की मिली थी, जो वॉट्सअप से भेजी गई थी। इसके बाद 15 जून को सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द कर दोबारा कराने के आदेश दिए थे। दोबारा टेस्ट कराने में सीबीएसई को 38 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है। सीबीएसई के अफसरों का कहना है कि री-टेस्ट में नकल का कोई मौका नहीं देना चाहते। इसी वजह से जैमर आदि की व्यवस्था की गई है। 
 
कुछ हुए परेशान, कुछ ने की सराहना- 
सुबह से हो रही बारिश के कारण ज़्यादातर बच्चे अपने पैरेंट्स के साथ आए थे। बोर्ड की नई व्यवस्था के चलते जहां कुछ बालक परेशान नजऱ आए तो कुछ ने इसकी सराहना भी की। 
 
कोर्ट ने इन चीजों पर लगाया प्रतिबंध- 
परीक्षा केंद्र में 50 तरह की वस्तुएं ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसमें स्कार्फ और फुल स्लीव की शर्ट, टी-शर्ट कुर्ती, हिजाब, टोपी, मफलर, घड़ी, कैप, बंद जूते, मोजे, चश्मा, बेल्ट, पर्स, कंगन, झुमका, नोज रिंग, अंगूठी, किसी भी तरह का लॉकेट, ताबीज, पैंडुलम वहीं मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, माइक्रोफोन, पेजर, हेल्थ बैंड, कैमरा, ट्रांजिस्टर, इयरफोन जैसे डिवाइस बैन रहे।
 
केरल में नन को नहीं मिली परीक्षा की अनुमति-
केरल की एक नन को सीबीएसई की नये ड्रेस कोड के तहत हिजाब और पवित्र क्रॉस उतारने से इंकार करने के बाद इस परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई। सिस्टर साइबा ने बताया कि उन्होंने हिजाब और क्रॉस के साथ परीक्षा में शामिल होने की इजाजत मांगी थी। साइबा ने मीडियाकर्मियों से कहा कि विद्यालय के प्राचार्य ने उसे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के नये दिशा निर्देशों के बारे में बताया। इसके बाद उसने हिजाब और क्रॉस के बिना परीक्षा देने के लिए एक अलग कमरा देने का आग्रह किया लेकिन विद्यालय के अधिकारियों ने इसे स्वीकार नहीं किया। 

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