भारत का पेट्रोल निर्यात 2019 तक 97.8 प्रतिशत घटेगा

Edited By ,Updated: 02 Oct, 2015 07:19 PM

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देश का पेट्रोल निर्यात 2019 तक 98 प्रतिशत घटने का अनुमान है और 2024 तक देश गैसोलीन (पेट्रोल) का दूसरा सबसे बड़ा आयातक हो जाएगा।

नई दिल्ली: देश का पेट्रोल निर्यात 2019 तक 98 प्रतिशत घटने का अनुमान है और 2024 तक देश गैसोलीन (पेट्रोल) का दूसरा सबसे बड़ा आयातक हो जाएगा। फिच समूह की कंपनी बीएमआई रिसर्च ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।  रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘भारत का शुद्ध गैसोलीन निर्यात अगले पांच साल में 97.8 प्रतिशत घटकर 2019 तक 6,760 बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) हो जाएगा जो 2014 में 306,800 (बीपीडी) था। इसमें कहा गया है, ‘‘इस गिरावट का कारण देश में घरेलू मांग में तीव्र वृद्धि है ।’’  

 
बीएमआई का कहना है कि घरेलू स्तर पर उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद 2020 से भारत पेट्रोल का शुद्ध आयातक बन जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘हमारा अनुमान है कि भारत इस दशक के अंत तक इंडानेशिया के बाद पेट्रोल के बाद दूसरा सबसे बड़ा आयातक हो जाएगा। इस मामले में चीन, आस्ट्रेलिया और मलेशिया को पीछे छोड़ देगा जहां खपत वृद्धि धीमी हो रही है।’’  
 
फिलहाल भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पेट्रोल का सबसे बड़ा निर्यातक बना हुआ है। वह अपने उत्पादन का ज्यादातर हिस्सा एशिया के अन्य देशों और पश्चिम एशियाई देशों को निर्यात करता है। यह 2014 में देश के कुल रिफाइन्ड ईंधन निर्यात का करीब आधा हिस्सा है। हालांकि इन दोनों बाजारों में मांग कम होने से उनका आयात आने वाले वर्षों में घटेगा। 

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