Edited By Tanuja,Updated: 18 Aug, 2025 04:14 PM

बांग्लादेश में जब हिंदू अल्पसंख्यक लगातार हमलों और कट्टरपंथी हिंसा से जूझ रहे हैं, ऐसे समय में देश के आर्मी चीफ जनरल वकार उज जमां ने जन्माष्टमी समारोह में शामिल होकर एक ऐतिहासिक और साहसिक...
International Desk: बांग्लादेश में जब हिंदू अल्पसंख्यक लगातार हमलों और कट्टरपंथी हिंसा से जूझ रहे हैं, ऐसे समय में देश के आर्मी चीफ जनरल वकार उज जमां ने जन्माष्टमी समारोह में शामिल होकर एक ऐतिहासिक और साहसिक कदम उठाया। राजधानी ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा-“यह देश सबका है। यहां कोई विभाजन नहीं होगा न धर्म के आधार पर, न जाति या पंथ के आधार पर। सभी नागरिकों के बराबर अधिकार हैं।”
जनरल जमां का यह कदम न केवल बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए भरोसे की गारंटी बना, बल्कि कट्टरपंथी ताकतों जैसे जमात-ए-इस्लामी, नेशनल सिटिजन्स पार्टी और अंसार-उल-बांग्ला को सीधी चेतावनी भी है। उन्होंने कहा कि सेना हमेशा शांति, सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव के साथ खड़ी है। इस जन्माष्टमी समारोह में केवल सेना प्रमुख ही नहीं, बल्कि नौसेना प्रमुख एडमिरल एम नजमुल हसन और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान भी शामिल हुए। साथ ही 9वीं इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल मोहम्मद मोइन खान ने पलाशी चौराहे पर आयोजित जुलूस में भाग लिया। यह तस्वीर बांग्लादेश की सैन्य एकता और धार्मिक सौहार्द्र का प्रतीक बन गई।
जनरल जमां ने कहा-“यह वह बांग्लादेश है, जहां हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई और जनजातीय समुदाय सदियों से शांतिपूर्वक रहते आए हैं। आज हमारी प्रतिज्ञा होनी चाहिए कि यह भाईचारा और एकता सदैव कायम रहे।” उन्होंने भगवान कृष्ण की शिक्षाओं को याद करते हुए कहा कि यह हमें शांति और एकता के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं। गौरतलब है कि शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले तेज़ हुए हैं और इन हमलों से हिंदू समुदाय गहरी असुरक्षा और भय की स्थिति में है। ।
- अगस्त 2024 से जून 2025 के बीच 2,442 घटनाएं दर्ज हुईं।
- इनमें 23 हिंदुओं की हत्या, 152 मंदिरों पर हमले।
- कई जगह आगजनी व मूर्ति-तोड़फोड़ शामिल है।
- 1 मार्च 2025-सिराजगंज में मां सरस्वती की मूर्ति तोड़ी गई।
- 5 मई 2025 -मदरिपुर का शिव मंदिर नष्ट किया गया।
- 27 मई 2025- माणिकगंज के काली मंदिर पर हमला व आगजनी।
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आर्मी चीफ की यह भागीदारी अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के लिए भी एक अप्रत्यक्ष संदेश मानी जा रही है। हालांकि यूनुस ने जन्माष्टमी पर शुभकामनाएं दीं, लेकिन हिंदुओं और मंदिरों पर हमलों पर उनकी प्रतिक्रिया को निष्क्रिय और ठंडी माना गया। जनरल जमां ने कहा- “यह देश सबका है। यहां किसी धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं होगा। हम सब मिलकर बांग्लादेश को एक सुनहरे भविष्य की ओर ले जाएंगे।” आर्मी चीफ और तीनों सेनाओं की इस ऐतिहासिक मौजूदगी ने जन्माष्टमी को केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि **कट्टरपंथियों के खिलाफ राष्ट्रीय एकता का संदेश बना दिया है।
