Edited By Monika Jamwal,Updated: 01 Dec, 2018 12:50 PM
जम्मू-कश्मीर बैंक के कर्मचारियों ने प्रदेश के राज्यपाल एस.पी मलिक की अगुवाई वाले राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) के एक फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए शुक्रवार को दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया।
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर बैंक के कर्मचारियों ने प्रदेश के राज्यपाल एस.पी मलिक की अगुवाई वाले राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) के एक फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए शुक्रवार को दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया। परिषद ने बैंक को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के तौर पर मान्यता देने का फैसला किया था। एसएसी के फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया जे.के बैंक ऑफिसर्स फेडरेशन के बैनर तले बैंक के सैकड़ों कर्मचारियों ने एम.ए. रोड स्थित उसके कॉरपोरेट मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।
फेडरेशन के अध्यक्ष तसादक मदनी ने कहा कि ए.सी.ए.सी के निर्णय के खिलाफ यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया, हम एसएसी के फैसले को यथाशीघ्र वापस लेने की मांग करते हैं। हम जे-के बैंक में इस निर्णय को लागू नहीं होने देंगे। एसएसी ने पिछले सप्ताह जम्मू कश्मीर बैंक लिमिटेड को सार्वजनिक उपक्रम मानने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही बैंक को राज्य के अन्य पीएसयू की तरह जम्मू-कश्मीर सूचना का अधिकार अधिनियमए 2009 के प्रावधान के तहत लाया गया। इसके अलावा, बैंक को अब सीवीसी के दिशा-निर्देशों को भी मानना पड़ेगा।
राज्य के अन्य पीएसयू की भांति ही जे एंड के बैंक को भी राज्य विधानसभा के प्रति जवाबदेह बनाने का फैसला किया गया। एसएसी के इस फैसले की मुख्यधारा के राजनीतिक दलों, अलगाववादियों और कारोबारी संगठनों ने बड़े पैमाने पर आलोचना की है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल से जम्मू.कश्मीर बैंक को सार्वजनिक उपक्रमों की श्रेणी में शामिल करने के अपने फैसले को रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर बैंक को पीएसयू की श्रेणी में शामिल करना राज्य के विशिष्ट दर्जे को समाप्त करने की साजिश का एक हिस्सा है।