भीमा कोरेगांव हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने पांचों कार्यकर्त्ताओं की 4 हफ्ते के लिए बढ़ाई नजरबंदी

Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Sep, 2018 12:38 PM

bhima koregaon violence sc upheld the extension of five workers for 4 weeks

कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले के सिलसिले में पांच कार्यकर्त्ताओं की गिरफ्तारी के संबंध में हस्तक्षेप करने से आज सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। यही नहीं, कोर्ट ने पांचों की गिरफ्तारी की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) के गठन से भी इंकार कर दिया।

नई दिल्लीः कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले के सिलसिले में पांच कार्यकर्त्ताओं की गिरफ्तारी के संबंध में हस्तक्षेप करने से आज सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। यही नहीं, कोर्ट ने पांचों की गिरफ्तारी की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) के गठन से भी इंकार कर दिया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 2-1 के बहुमत के फैसले में इन कार्यकर्त्ताओं की तुरंत रिहाई की मांग करने वाली याचिका को ठुकरा दिया। हालांकि कोर्ट ने साथ ही कह दिया कि गिरफ्तार किए गए पांचों कार्यकर्त्ता राहत के लिए ट्रायल कोर्ट जा सकते हैं।
PunjabKesariजस्टिस ए.एम. खानविलकर ने सीजेआई मिश्रा और अपनी ओर से बहुमत का निर्णय सुनाया जबकि जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ ने इससे असहमति व्यक्त करते हुए अलग फैसला सुनाया। इस मामले में प्रमुख इतिहासकार रोमिला थापर और कुछ अन्य लोगों ने इन गिरफ्तारियों को चुनौती दी थी।

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उल्लेखनीय है कि वरवरा राव, अरुण फरेरा, वरनान गोन्साल्विज, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को पुणे पुलिस ने पिछले महीने गिरफ्तार किया था और कोर्ट ने 29 अगस्त को पांचों को उनके घरों में ही नजरबंद रखने का आदेश दिया था।

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