गर्भपात से जुड़ा बिल राज्यसभा में पास, जानिए केंद्र सरकार क्यों लाई यह बिल

Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Mar, 2021 01:27 PM

bill related to abortion passed in rajya sabha

मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अमेंडमेंट​ बिल-2020 लोकसभा में एक साल पहले पास हो चुका है। वहीं अब यह राज्यसभा में भी पास हो गया है। पिछले साल 17 मार्च 2020 को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अमेंडमेंट​ बिल-2020 लोकसभा में पास हुआ था। इस बिल के तहत...

नेशनल डेस्क: मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अमेंडमेंट​ बिल-2020 लोकसभा में एक साल पहले पास हो चुका है। वहीं अब यह राज्यसभा में भी पास हो गया है। पिछले साल 17 मार्च 2020 को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अमेंडमेंट​ बिल-2020 लोकसभा में पास हुआ था। इस बिल के तहत गर्भपात (abortion) की अधिकतम मंजूर सीमा को मौजूदा 20 हफ्ते से बढ़ाकर 24 हफ्ते किया गया है। इस बिल में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट-1971 में संशोधन का प्रावधान है। सरकार ने इस बिल को  महिलाओं की गरिमा, उनकी स्वायत्तता और उनके बारे में गोपनीयता प्रदान करने वाला बताया है। सरकार ने कहा कि यह बिल महिलाओं के हित में है। 

 

क्या है मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अमेंडमेंट​ बिल
दरअसल, गर्भपात से जुड़े मौजूदा कानून की वजह से रेप पीड़िता या किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त गर्भवती महिला को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। डॉक्टरों के मुताबिक पुराने कानून के मुुताबिक बच्चे को जन्म देने से महिला की जान को खतरा भी हो तब भी उसका अबॉर्शन नहीं हो सकता था। अबॉर्शन तभी हो सकता था जब प्रेग्नेंसी 20 हफ्ते से कम हो। लेकिन अब नए कानून के तहत गर्भपात की सीमा बढ़ाकर 24 हफ्ते कर दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि गर्भपात की मंजूरी केवल असाधारण परिस्थितियों के लिए है और इसके लिए इस बिल में पूरी सावधानी रखी गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन कानून का दुरुपयोग नहीं हो। 

 

इसलिए लाया गया यह बिल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के मुताबिक, महिलाओं के सुरक्षित गर्भपात के लिहाज से यह बिल समय की जरूरत है। 20 हफ्ते में गर्भपात करवाना सुरक्षित नहीं था क्योंकि इस दौरान महिलाओं की मौत भी हो सकती थी। ऐसे में 24 हफ्ते में गर्भपात करवाना अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित होगा, इस बिल के प्रावधानों के मुताबिक, गर्भपात के दौरान होने वाली मौत के आंकड़े कम होंगे। साथ ही असुरक्षित गर्भपात के कारण मातृ मृत्यु दर को कम करने और गर्भपात की जटिलताओं में कमी लाने में यह विधेयक काफी महत्वपूर्ण है। 

 

इनको मिलेगी राहत
इस बिल से रेप पीड़ितों और उन महिलाओं को राहत मिलेगी जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं। इससे महिलाओं की जान को भी कम खतरा होगा।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!