Edited By Ashish panwar,Updated: 10 Jan, 2020 05:39 PM
दिल्ली में चुनावोें की तारीख का ऐलान होते ही राजनीतिक पार्टियों ने कमर कसली है। कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष दिल्ली की मौजूदा सरकार को चुनौती न मानकर भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए तिकड़म भिड़ाने की कोशिशों में लग गया है। इसी के चलते विपक्ष दिल्ली...
नई दिल्लीः दिल्ली में चुनावोें की तारीख का ऐलान होते ही राजनीतिक पार्टियों ने कमर कसली है। कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष दिल्ली की मौजूदा सरकार को चुनौती न मानकर भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए तिकड़म भिड़ाने की कोशिशों में लग गया है। इसी के चलते विपक्ष दिल्ली में भी झारखंड की तर्ज पर महागठबंधन की तैयारी में जुट गया है। दिल्ली की राजनीति में सक्रिय बिहार के एक नेता और कांग्रेस के एक राष्ट्रीय नेता के बीच हाल ही में इस संभावना पर चर्चा भी हुई है कि दिल्ली में भी महागठबंधन के सहारे ही BJP को सत्ता से दूर रखा जाये। अनौपचारिक तौर पर इसे लेकर प्रयास शुरू भी हो गए हैं।
दरअसल, भाजपा के खिलाफ झारखंड के चुनावी नतीजों व महाराष्ट्र में चुनाव बाद घटित घटनाक्रम से सबक लेते हुए, विपक्ष दिल्ली विस चुनाव में भी महागठबंधन के तमाम पहलुओं पर विचार-विमर्श कर रहा है। उन्हें लगने लगा है कि थोड़ी राजनीतिक सूझ-बूझ और एकता से दिल्ली में भी भाजपा को सत्ता से दूर रखा जा सकता है।
जानकारों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में भी दिल्ली में भाजपा के खिलाफ सियासी गठबंधन ने काफी जोर पकड़ा था। हालांकि, कोई गठबंधन तो नहीं हो पाया, लेकिन भाजपा विरोधी वोटों का बंटवारा जरूर हो गया था। दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार ऐसी गलती न हो, इसके लिए विपक्ष महागठबंधन के सहारे साथ आता हुआ जरूर दिख रहा है।
ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव में भी भाजपा विरोधी दलों में पहले ऊपरी स्तर पर ही बातचीत शुरु हुई थी और बाद में कहीं जाकर प्रदेश स्तर पर बयान आने शुरू हुए थे। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि विपक्ष ने एक बार फिर महागठबंधन की तैयारी शुरू करके दिल्ली की सियासत में गर्माहट जरूर पैदा कर दी है।