लिंगायत बेल्ट में भाजपा को अपनों ने ही उलझाया

Edited By Parminder Kaur,Updated: 06 May, 2024 03:39 PM

bjp own people entangled in lingayat belt

कर्नाटक में अब लड़ाई उत्तर कर्नाटक की 14 सीटों पर बची है। यह लिंगायत समुदाय का गढ़ है, जिसने बीते राज्य चुनाव में 'अपने नेताओं के अपमान' का बदला लेने के लिए भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया। राज्य में इस समुदाय की हिस्सेदारी 17% है। भाजपा ने 2019 में...

नेशनल डेस्क. कर्नाटक में अब लड़ाई उत्तर कर्नाटक की 14 सीटों पर बची है। यह लिंगायत समुदाय का गढ़ है, जिसने बीते राज्य चुनाव में 'अपने नेताओं के अपमान' का बदला लेने के लिए भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया। राज्य में इस समुदाय की हिस्सेदारी 17% है। भाजपा ने 2019 में सभी 14 सीटें जीती थीं। राज्य में 28 में से 25 सीटों पर कमल खिला था। भाजपा यहां 'ब्रॉन्ड मोदी' के दम पर 2019 के प्रदर्शन को दोहराना चाहती है। फिर भी पार्टी के लिए हसन टेप की शर्मिंदगी छिपाना मुश्किल हो रहा। पार्टी के वर्कर्स एस दीक्षित कहते हैं कि हम 1.2 करोड़ महिला वोटर्स से संपर्क कर रहे हैं और इस मुद्दे पर शर्मिंदगी महसूस हो रही है।


हसन टेप को छोड़ दें, तो मुख्य मुद्दा हुबली में लिंगायत छात्रा नेहा की हत्या है। इस हत्या ने 'लव जिहाद' पर बहस छेड़ दी और भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है। इस बीच भाजपा ने बीते साल राज्य के चुनाव में मिली करारी हार से सबक लेते हुए नाराज लिंगायत नेताओं को मनाने में कामयाबी पाई है। येदियुरप्पा को भाजपा की संसदीय समिति का सदस्य बनाया गया है। छोटे बेटे बी.विजयेंद्र को राज्य में पार्टी की कमान दी गई है। पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार पार्टी में लौट आए हैं और बेलगावी से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें कर्नाटक सरकार में राज्य मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के बेटे मृणाल से चुनौती मिल रही है। इसके विपरीत कांग्रेस को भरोसा है कि 'पांच गारंटी' के बूते लिंगायत समुदाय को साधने में सफल रहेगी। ऐसे में हावेरी में पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई व बेलगावी में जगदीश शेट्टार के लिए मुकाबला अहम है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी धारवाड़ सीट बरकरार रखने के लिए कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं। क्योंकि प्रमुख लिंगायत संत स्वामी डिंगलेश्वर ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। हालांकि भक्तों के दबाव के बाद संत ने पर्चा वापस ले लिया है। फिर भी जोशी को अन्य पिछड़ा वर्ग के कांग्रेस नेता विनोद आसुती से टक्कर मिल रही है। वे लिंगायत संत से मिल रहे समर्थन पर अपना उत्साह छिपा नहीं पा रहे हैं। 


इस बीच येदियुरप्पा और उनके बेटे बी. राघवेंद्र के लिए शिमोगा सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। उन्हें भाजपा सरकार में पूर्व उपमुख्यमंत्री के. ईश्वरप्पा से चुनौती है। मोदी प्रशंसक ईश्वरप्पा लिंगायत व कुरुब्बा समर्थकों पर भरोसा कर रहे हैं। इस लड़ाई को कांग्रेस की गीता शिवराजकुमार ने रोचक बना रही हैं। वे अभिनेता शिवराजकुमार की पत्नी हैं। गीता के पिता एस बंगारप्पा राज्य के सीएम रहे हैं। कांग्रेस के लिए इस चरण की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक गुलबर्गा है। यहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दामाद राधाकृष्णन डोडामणि की लड़ाई भाजपा के डॉ. उमेश जाधव से है। खरगे परिवार ने इसे प्रतिष्ठा से जोड़ दिया है। इससे भाजपा और कांग्रेस के लिए गुलबर्गा बड़ी लड़ाई है।

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