राज्यसभा में कृषि बिल पास होने पर बोली कांग्रेस, देश के इतिहास के लिए ‘काला दिन’

Edited By Yaspal,Updated: 20 Sep, 2020 06:09 PM

black day  for the history of the country congress

राज्य सभा में विपक्ष के हंगामे के बीच रविवार को कृषि से जुड़े दो बिल पास हो चुके हैं। कृषि बिल पास होने के बाच विपक्षी दल राज्यसभा के उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं। इस बीच कांग्रेस ने कृषि बिल पर कहा कि राज्यसभा में किसान संबंधी...

नई दिल्लीः राज्य सभा में विपक्ष के हंगामे के बीच रविवार को कृषि से जुड़े दो बिल पास हो चुके हैं। कृषि बिल पास होने के बाच विपक्षी दल राज्यसभा के उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं। इस बीच कांग्रेस ने कृषि बिल पर कहा कि राज्यसभा में किसान संबंधी विधेयक को जिस तरह से पारित कराया गया है वह असंवैधानिक तथा किसानों के खिलाफ है और इससे आज के दिन को देश के इतिहास में ‘काला दिन' के रूप में याद किया जाएगा।

कांग्रेस नेता अहमपद पटेल, प्रताप सिंह बाजवा, अभिषेक मनु सिंघवी तथा शक्तिसिंह गोहिल ने रविवार को यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस विधेयक को राज्यसभा में जिस तरह से पारित कराया गया है वह लोकतंत्र की हत्या है। सरकार के इसी रवैये को देखते हुए पार्टी उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लायी है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले भी मनमानी करती रही है। वह पहले भूमि अधिग्रहण विधेयक लेकर आयी थी लेकिन उसे इस विधेयक को वापस लेना पडा और अब खेती को कारपोरेट क्षेत्र को देना चाहते हैं।

न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर जो बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे रहे हैं उसमें सत्यता नहीं है। यह कानून पूरी तरह से किसानों के खिलाफ है और इससे उन्हें भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में किसानों के संबंध में जो बात भारतीय जनता पार्टी कह रही है उसमें सच्चाई नहीं है और जब सरकार से इस बारे में सवाल पूछे जा रहे हैं तो उस पर वह कोई जवाब नहीं दे रही है।

कांग्रेस नेता प्रताप सिहं बाजवा ने कहा कि यह विधेयक इस समय लाने की जरूरत नहीं थी। इससे किसानों को भारी नुकसान होने वाला है। उनका कहना था कि इस समय पूरी सेना गलवान घाटी में चीन से मुकाबले के लिए खडी है और देश के समक्ष एक संकट है इसलिए विधेयक इस समय नहीं लाया जाना चाहिए था। अगर यह विधेयक लाना ही था तो अगले साल लाया जा सकता था लेकिन सरकार को अपने कारपोरेट मित्रों का जल्द फायदा पहुंचाना था इसलिए वह यह विधेयक लेकर आयी है।

सिंघवी ने कहा कि विपक्ष ने मत विभाजन मांगा लेकिन सरकार ने क्रूरता से कानून पारित कर दिया और नियमों की धज्जियां उडा दी है। यह विधेयक संघीय ढांचे के विरुद्ध है। सरकार ने दिखा दिया है और उसका विश्वास टूटा हुआ है कि वह कोई विधेयक अपने बलबूते पर पारित नहीं करा सकती इसलिए सरकार ने यह विधेयक ऐसी स्थिति में पारित कराया है। नियमानुसार यह पारित ही नहीं हुआ है। इसी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस ने व्यापक अविश्वास का प्रस्ताव पेश किया है।

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!