ग्लेशियल झीलें फटने से कभी भी बह सकती भारत-पाक की 50 लाख आबादी

Edited By SS Thakur,Updated: 09 Feb, 2023 05:54 PM

bursting of glacial lakes can wash away 50 lakh population of indo pak

विश्व स्तर बात की जाए तो 30 देशों के 9 करोड़ लोग ग्लेशियल झीलों वाली 1,089 घाटियों में रहते हैं। यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशंस में हाल ही में प्रकाशित किया गया है।

जालंधर, नैशनल डैस्क: हिमालयी क्षेत्रों में बसे 30 लाख भारतीय और 20 लाख पाकिस्तानी कभी ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (जीएलओएफ) की चपेट में आ सकते हैं। यह आंकड़ा विश्व में इस तरह के जोखिम में बसे लोगों की संख्या का एक तिहाई हिस्सा है। जानकारों का कहना है कि इन अत्यधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में अधिक तीव्र चेतावनी और आपातकालीन कार्रवाई को सक्षम करने के लिए चेतावनी प्रणाली के डिजाइन में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।

9 करोड़ आबादी ग्लेशियल झीलों के पास
विश्व स्तर बात की जाए तो 30 देशों के 9 करोड़ लोग ग्लेशियल झीलों वाली 1,089 घाटियों में रहते हैं। नेचर कम्युनिकेशंस में हाल ही में प्रकाशित नए अध्ययन  में कहा गया है कि इनमें से 1.5 करोड़ (16.6 प्रतिशत) लोग ग्लेशियल झीलों के 50 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं। दुनियाभर अध्ययन में कहा गया है कि ग्लेशियर वाली झील के फटने से आने वाली बाढ़ से उस इलाके में रहने वाले आधे से ज्यादा लोग सिर्फ चार देशों के हैं, जिसमें भारत, पाकिस्तान, पेरू और चीन शामिल हैं।

क्या कहता है अध्ययन 
न्यूकैसल विश्वविद्यालय के कैरोलिन टेलर के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि विश्व स्तर पर घाटियों में रहने वाली लगभग आधी (48 प्रतिशत) आबादी झीलों के 20-किमी और 35-किमी डाउनस्ट्रीम के बीच स्थित है। ग्लेशियल झीलों के संपर्क में आने वाली वैश्विक आबादी का दो प्रतिशत (3 लाख) एक या एक से अधिक ग्लेशियल झीलों के 5 किलोमीटर के भीतर रहता है, जिनमें से अधिकांश 66 प्रतिशत यानी 1.98 लाख लोग उच्च पर्वत एशिया (एचएमए) श्रृंखलाओं में हैं।

पर्यावरणविदों द्वारा हस्तक्षेप की मांग
क्लोजर होम इनोवेटर और पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लद्दाख की रक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने कहा है कि हिमालय में जलवायु प्रभाव दिखाई दे रहा है, 2009 के बाद से ग्लेशियल झीलों और जल निकायों में जल प्रसार क्षेत्र में वृद्धि देखी जा रही है। 

इन राज्यों में है जोखिम ज्यादा
सैंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट एंड डाउन टू अर्थ स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट 2022 के आंकड़ों में पाया गया कि भारत, चीन और नेपाल में जल प्रसार क्षेत्र में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो सात भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक बड़ा खतरा है। इनमें से छह हिमालयी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, असम और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!