PM ओली के सहारे नेपाल पर कब्जे की फिराक में चीन !

Edited By Tanuja,Updated: 23 Aug, 2020 04:15 PM

china getting safe passage to occupy nepal territory with oli

चीन की विस्तारवादी नीति अब नेपाल को चपेट में लेने की फिराक है और इसके लिए वह प्रधानमंत्री के.पी. ओली का स्पोर्ट ले रहा है। मीडिया ...

इंटरनेशनल डेस्कः चीन की विस्तारवादी नीति अब नेपाल को चपेट में लेने की फिराक है और इसके लिए वह प्रधानमंत्री के.पी. ओली का स्पोर्ट ले रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के उकसावे में आकर भारत के खिलाफ बयानबाजी कर मुसीबत में फंसे ओली अब अपनी कुर्सी बचाने के लिए हर तरह से चीन का साथ दे रहे हैं । दूसरी तरफ चीन दोस्ती के बहाने नेपाल की भूमि पर लगातार कब्जा बढ़ाता जा रहा है। नेपाल के सर्वे विभाग के अनुसार चीन तिब्बत में चल रही सड़क निर्माण परियोजना के बहाने नेपाल की जमीन का अतिक्रमण कर रहा है।

 

इस परियोजना में नेपाल अपनी कई हेक्टेयर जमीन गंवा चुका है। नेपाल के कृषि मंत्रालय के सर्वेक्षण विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन ने सात सीमावर्ती जिलों में फैले कई स्थानों पर नेपाली भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसकी वजह से नेपाल को आने वाले कुछ समय में कई तरीके से नुकसान उठाना पड़ सकता है। ग्लोबल वॉच एनालिसिस की रिपोर्ट की मानें तो, चीन के साथ संबंध रखने के चलते नेपाल अपनी स्वायत्तता और फैसले लेने की क्षमता को प्रभावित कर रहा है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री ओली ने चीन के उकसावे में आकर भारत के खिलाफ कई टिप्पणियां की व  भारत विरोधी नीतियों पर भी काम शुरू कर दिया। रोलैंड जैक्वार्ड ने अपने लेख में बताया है कि चीन की नीति है कि वह उन देशों के राजनीतिक वर्ग को भ्रष्ट करता है, जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं।

 

उन्होंने यह भी बताया है कि कैसे नेपाल की विदेश नीति चीन की विस्तारवादी रणनीति का शिकार हो रही है। पिछले साल जनवरी में, जिस दिन चीन ने वेनेजुएला पर आर्थिक प्रतिबंधों लगाने के लिए अमेरिका के कदम की निंदा की थी, सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) ने भी एक ऐसा ही बयान जारी किया, जिसमें वेनेजुएला के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए वॉशिंगटन और उसके सहयोगियों की निंदा की गई थी। यह शायद पहली बार था जब काठमांडू ने लैटिन अमेरिका में अमेरिकी नीतियों से संबंधित एक स्टैंड लिया था। नेपाल में एक और चिंताजनक स्थिति सामने आई है। यह नेपाल में रहने वाले तिब्बती शरणार्थियों की बिगड़ती मानव अधिकारों की स्थिति है।

 

नेपाल तिब्बत के साथ एक लंबी सीमा साझा करता है और 20,000 से अधिक तिब्बतियों का घर है, जिनमें से कई दलाई लामा के 1959 में भारत में शरण लेने के बाद देश में आ रहे हैं। नेपाल सरकार और चीन के बीच बढ़ते संबंधों के साथ, तिब्बती शरणार्थियों को अपने शरणार्थी संघों के सदस्यों का चुनाव करने या दलाई लामा के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए रोक लगा दी जाती है। लेखक का कहना है कि काठमांडू में चीनी दूतावास लगातार वफादारों के एक नेटवर्क का निर्माण कर रहा है, और उन्हें दूतावास के लिए किए गए कामों के बहाने कई बार फायदा पहुंचाया जाता है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!